Indian Air Force : ये कंपनी हवा में जहाज के अंदर डालती है पेट्रोल, भारतीय सेना इन कंपनियों कर रही है तलाश
Indian Air Force : भारतीय वायु सेना कई तरह के जहाज उड़ाती है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि अगर हवा में जहाज में पट्रोल खत्म हो जाए तो क्या होगा.
बता दें कि जब जहाज में तेल खत्म होता है तो तुरंत ही ईंधन भरने के लिए विमान को बुला लिया जाता है. विमान में ईंधन भरने के लिए बहुत सी ऐसी कंपनी है जो ये सुविधा उपलब्ध करवाती है. ऐसी ही कंपनियों की तलाश भारतीय वायु सेना कर रही है.
कुछ ऐसी कंपनियां है जो हवा में ही पेट्रोल पंप लगा देती हैं और विमानों में ईंधन भरने का काम करती हैं. हवा में ईंधन भरने की प्रक्रिया एक विमान से दूसरे विमान में ईंधन स्थानांतरित करने की विधि है. ईंधन स्थानांतरित करने वाले विमान को टैंकर कहा जाता है.
ये प्रक्रिया केवल सेना के विमानों के लिए की जी है. प्रोब-एंड-ड्रोग सिस्टम और बूम रिफ्यूलिंग सिस्टम. प्रोब-एंड-ड्रोग सिस्टम में एक रिफ्यूलिंग होज, होज-एंड कपलिंग और एक ड्रोग शामिल होता है. जो विमान ईंधन प्राप्त करता है उसे रिसीवर कहा जाता है.
हवा में ईंधन भरने का बाजार साल 2020 में शुरू किया गया था. तब इसकी कीमत करीब 50.1 करोड़ डॉलर थी. अब साल 2025 में इसकी कीमत 1 अरब डॉलर है.
ये ज्यादा विभिन्न देशों के लड़ाकू विमानों में हवा में ईंधन भरा जाता है. यूके की Cobham plc कंपनी, अमेरिका की Eaton Corporation कंपनी, नीदरलैंड्स की Airbus कंपनी हवा में ईंधन भरने का काम करती है.