वेतन भुगतान और सेवा नियमों में देरी को लेकर हाई कोर्ट सख्त, समय पर वेतन नहीं दिया तो अफसर को सजा
हाई कोर्ट ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन की लापरवाही पर जताई चिंता
अनुबंधित कर्मचारियों को चार महीने से नहीं दिया गया है वेतन
हरियाणा सरकार के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीन जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन में कार्यरत अनुबंध आधारित कर्मचारियों के सेवा नियमों को लेकर वर्षों से लंबित प्रक्रिया और बीते चार महीनों से वेतन न मिलने की स्थिति पर अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
2017 में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस विनोद एस भारद्वाज की एकल पीठ ने 24 जुलाई 2025 को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि यदि 15 अगस्त 2025 तक याचिकाकर्ताओं को उनका लंबित वेतन नहीं दिया गया, तो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हरियाणा के प्रमुख अभियंता और
निर्देशक का वेतन बिना कोर्ट की अनुमति के जारी नहीं किया जाएगा। इस याचिका में दीपक कुमार, जिला सलाहकार (कैथल) और श्याम अहलावत, जिला सलाहकार (झज्जर) याचिकाकर्ता हैं, जो विगत 13 वर्षों से जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीन जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन में अनुबंध आधार पर कार्यरत हैं।
जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन में कार्यरत कर्मचारियों के लिए सेवा नियम बनाए जाने की मांग वर्ष 2017 से चली आ रही है। 11 दिसंबर 2014 को 5वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सेवा नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता उस समय के प्रधान सचिव श आलोक निगम, आईएएस ने की थी। 28 मार्च 2024 को हुई 11वीं बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने सुझाव दिया कि कार्यरत कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा की तर्ज पर नीति बनाई जाए।