Today Mustard Rate Update: छावनी अनाज मंडी में बारीक सरसों में अचानक आई तूफानी तेजी ने तिलहन बाजार का माहौल बदल दिया है। मंडी में आवक बेहद सीमित रहने और पुराने स्टॉक की नियंत्रित बिकवाली के कारण दाम एक ही दिन में 7200 से 7400 रुपए से बढ़कर 7800 से 7900 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। कारोबारियों का कहना है कि मंडी में फिजिकल सप्लाई टाइट है और किसान नया सीजन आने तक पुराने माल को संभालकर चल रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार दो साल से कैरिफॉरवर्ड स्टॉक रखने वाले लोग अब ऊंचा भाव देखकर धीरे-धीरे माल निकाल रहे हैं, लेकिन इससे बाजार में दबाव नहीं आया है।
तिलहन बाजार के जानकार सुरेश हेडा बताते हैं कि इस तेजी के पीछे मुख्य कारण सीमित आपूर्ति, स्टॉकिस्टों का संयम, घरेलू मांग और रेपसीड मील की अंतरराष्ट्रीय मांग है। चीन द्वारा रेपसीड मील की भारी खरीद ने घरेलू क्रशिंग यूनिट्स को मजबूत ऑर्डर दिए हैं, जिससे सरसों की खपत में निरंतर मजबूती बनी हुई है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में चीन को करीब साढ़े चार लाख टन से अधिक रेपसीड मील का निर्यात हुआ है जो पिछले पूरे वर्ष की तुलना में कई गुना अधिक है। आंकड़ों के अनुसार 31 अक्टूबर 2025 तक देश में सरसों की बोवनी का क्षेत्र 41.70 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 36.73 लाख हेक्टेयर से करीब 13.5% अधिक है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और पूर्वी राज्यों में बोवनी तेज रफ्तार से बढ़ रही है। पिछले साल कुल सरसों क्षेत्र 89.30 लाख हेक्टेयर रहा था, जो पांच साल के औसत से भी अधिक था।


