Government Plan : 11वीं और 12वीं के विद्यार्थी साइंस कॉलेज में मुफ्त में प्रैक्टिकल करके जानेंगे साइंस की बारिकी, सरकार ने दिया आदेश
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ विद्यार्थियों में साइंस के प्रति रुचि पैदा करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के साधन विहीन शासकीय स्कूलों के 11वीं और 12वीं के विज्ञान के छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दी है। विद्यार्थी स्कूली पाठ्यक्रम में जो पढ़ते हैं, उन्हें उसके बारे में प्रायोगिक और सैद्धांतिक जानकारी दी जाएगी। सप्ताह में हर शनिवार को उनकी कक्षाएं लगेंगी। इसके पीछे बच्चों का रुझान बेसिक साइंस की ओर बढ़ाना और महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि करना है।
प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि कॉलेज के आउट रिच प्रोग्राम के तहत संस्था की ओर से यह कार्यक्रम किया जा रहा है। इसमें साइंस के प्रोफेसरों का सहयोग रहेगा। अक्सर देखा जाता है कि स्कूलों में विद्यार्थियों को सभी चीजों की सैद्धांतिक जानकारी दी जाती है, लेकिन प्रयोग करने का मौका बहुत कम मिलता है।
कई स्कूलों में वार्षिक परीक्षा के ठीक पहले ही उपकरणों के बारे में बताया जाता है। ऐसे में जब स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेते हैं तो उनके सामने सारे उपकरण और प्रयोगिक सामग्री किसी पहेली की तरह होते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कॉलेज की ओर से एक पहल की जा रही है, ताकि बच्चों को कॉलेजों में आने के पहले उपकरणों और उसके उपयोग की जानकारी मिल सके।
40-40 बच्चों का बैच होगा, हर शनिवार को पढ़ाएंगे
जिले का कोई भी साधन विहीन स्कूल के प्राचार्य साइंस कॉलेज में प्राचार्य डॉ. सिंह से संपर्क कर सकते हैं। इन स्कूलों के बच्चों की कक्षाएं प्रत्येक शनिवार को लगाई जाएगी। प्रत्येक बैच में 40-40 बच्चों को रखा जाएगा। उन्हें भौतिकी, रसायन, जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान की प्रयोगिक जानकारी, स्पेशीमैन, अम्ल, क्षार, टाइट्रेशन, प्रिज्म, प्रकाश का अपवर्तन, स्वरित्र, मॉडल, फूल-पत्तों का डिसेक्शन समेत अन्य सारी जानकारियां दी जाएंगी।
कोरोनाकाल के पहले जिले के स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जाता रहा
बच्चों को विज्ञान और उससे संबंधित जानकारियां देने के लिए कोरोना काल से पहले स्कूलों के शिक्षकों को प्रैक्टिकल कराने का प्रशिक्षण साइंस कॉलेज में दिया जाता था। कोविड काल में इसे बंद कर दिया गया। अभी इस बार दीपावली के बाद से स्कूलों के बच्चों की कक्षाएं लगाई जाएंगी।
वैसे चाहें तो दशहरा और दीपावली के बीच रहने वाली छुट्टी के दौरान भी स्कूली बच्चों की क्लास लगाई जा सकती है। इसके अलावा जिन स्कूलों के बच्चे साइंस कॉलेज नहीं आ पाएंगे, उनके लिए मोबाइल वैन की भी योजना है। वैन में प्रायोगिक उपकरण रखे होंगे, जिसे स्कूलों में ले जाकर दिखाया जाएगा और उसके बारे में बताया जाएगा।