दिल्ली के 88 निजी अस्पतालों में अब होगा मुफ्त इलाज
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दिल्ली सरकार ने 88 निजी अस्पतालों को इस योजना के लिए पंजीकृत किया है। ऐसे में इस योजना के तहत दिल्ली के लगभग 6.54 लाख गरीब परिवारों और 70 साल से अधिक उम्र के लगभग 6 लाख बुजुर्गों को लाभ मिलेगा। यह लोग पांच लाख रुपये तक एक साल में इन पंजीकृत अस्पतालों में फ्री इलाज करवा सकेंगे। सरकार इन अस्पतालों के साथ बातचीत करके हेल्प डेस्क भी स्थापित करेगी, ताकि लोगों को इलाज मिलने में कोई परेशानी नहीं आए।
दिल्ली सरकार की राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पंजीकरण कराने के निर्देश जारी हैं। जो अस्पताल इस योजना के तहत जुड़ना चाहता है, वह जुड़ सकता है। इस योजना के तहत पहले ही 88 अस्पताल पंजीकृत हैं। अब इन अस्पतालों के प्रबंधन को राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने मेल भेलकर समझौता करने के लिए कहा है। इस समझौते के बाद सभी अस्पतालों में सरकार एक हेल्प डेस्क स्थापित करेगी। यह सभी अस्पताल पात्र मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज देंगे।
24 घंटे के अंदर कर सकेंगे क्लेम
राज्य स्वास्थ्य एजेंसी सभी अस्पतालों के साथ अलग-अलग करार करेगी। पंजीकृत सभी अस्पतालों के साथ करार पत्र और उसकी शर्त सांझा की गई हैं। करार पर हस्ताक्षर होने के सात दिन के अंदर ही अस्पताल में हेल्प डेस्क स्थापित करनी अनिवार्य होगी। इस हेल्प डेस्क पर अस्पताल की तरफ से आरोग्य मित्र तैनात किए जाएंगे। हर हेल्प डेस्क पर कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा भी जरूरी होगी। पात्र मरीज जब इस डेस्क पर पहुंचेंगे तो आरोग्य मित्र मरीजों का सत्यापन कर इलाज में उनकी मदद करेंगे। जब मरीज का इलाज हो जाएगा और उनकी छुट्टी मिल जाएगी, उसके 24 घंटे के अंदर अस्पताल इलाज के खर्च के लिए ऑनलाइन क्लेम कर सकेंगे। एसएचए को 15 दिन के अंदर कागजी कार्रवाई पूरी कर अस्पताल को इलाज का खर्च देना होगा।
एक लाख रुपये की राशि होगी खर्च
यदि कोई ऐसी प्रक्रिया है, जो आयुष्मान भारत योजना में सूचीबद्ध नहीं है तो उसके लिए पहले एसएचए से मंजूरी ली जा सकती है। ऐसी प्रक्रियाओं के लिए एसएचए अधिकतम एक लाख रुपये की राशि मंजूर कर सकता है। बता दें कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और दिल्ली की राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के साथ 5 अप्रैल को समझौता हुआ है। दस अप्रैल से कार्ड बनाने का कार्य शुरू हो चुका है।