First bank of India : भारतीयों को इस बैंक में मिलती थी एंट्री, 50 साल तक चलने के बाद लगा ताला
Bank of Hindustan : देश में बहुत से बैंक खुले हुए जो अपने ग्राहकों कई सुविधाएं देती है. साथ कई नई स्कीमें से ग्राहकों को अपनी और आकर्षित करते है. क्या आप लोग जानते है कि भारत का सबसे पहला बैंक कौन सा था? अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको बताते है.
आज हम बात कर रहे है बैंक ऑफ हिन्दुस्तान की. बैंक ऑफ हिन्दुस्तान भारत का सबसे पहला बैंक था. इस बैंक को ब्रिटिश व्यापारियों और बैंकरों ने मिलकर शुरू किया था.
इस बैंक को ओपन करने का उद्देश्य था कि व्यापार से जुड़े लेन-देन को आसान बनाना और ब्रिटिश कंपनियों को वित्तीय सहायता देना था. देश का हर नागरिक अपनी जमापूंजी सरकारी , प्राइवेट बैंक के साथ-साथ कई विदेशी बैंकों में जमा करवाते है.
बैंक ऑफ हिन्दुस्तान साल 1770 में बना था. इस बैंक की शुरूआत अलेक्जेंडर एंड कंपनी ने कोलकाता में अंग्रेजों ने बनाया था. भारत में खुले पहले बैंक में भारत के लोगों को ही एंट्री नहीं थी.
इस बैंक में आम भारतीय नागरिकों की प्रवेश नहीं मिलता था. इस बैंक में वित्तीय गड़बड़ियां सामने आने लगी और आर्थिक समस्याओं और प्रबंधन की कमियों के चलते साल 1832 में बैंक पर हमेशा के लिए ताला लगा दिया गया. इसके बाद भारत में बैंकिंग सिस्टम शुरू हुआ.
साल 1786 में जनरल बैंक ऑफ इंडिया शुरू हुआ, जो 5 साल बाद बंद हो गया था. बैंक ऑफ बंगाल(1809), बैंक ऑफ बांबे(1840) और बैंक ऑफ मद्रास(1843) अंग्रेजों के द्वारा खोला गया.
साल 1921 में इन तीनों बैंकों के विलय के बाद 'इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया' बनाया गया, जो बाद में चलकर देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI बना. आज के समय में भारत में कुल 12 सरकारी बैंक है जो पूरे भारत में फैला हुआ है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया , पंजाब नेशनल बैंक , बैंक ऑप बड़ौदा , कैनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया , इंडियन ओवरसीज बैंक , यूको बैंक , बैंक ऑप महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक में से SBI भारत का सबसे बड़ा बैंक है.