Facts Related to Jail: इन कैदियों को मिलता है जेल में भी स्पेशल ट्रीटमेंट, खुले आसमान के नीचे लगता है इनका पलंग
Some Surprising Facts Related to Jail : जेल में ज्यादातर लोग किस न किसी वजह से जेल में सजा काट रहे है. देश के हर जेल का अपना एक नियम होता है. जेल में कैदियों को बैरक दिया जाता है, जिसमं वे रहते है. जेल में ह शाम को कैदियों की गिनती की जाती है.
जेल में कुछ ऐसे नियम होते है जो कैदियों को खास सुविधा दी जाती है. जेल में कुछ ऐसे कैदी होते है जिन्हें पूरी रात बैरकों के बाहर खुले आसमान के नीचे पलंग लगाया जाता है. हर किसी के दिमाग में एक सवाल आता है कि जेल में कैदियों को स्पेशल ट्रीटमेंट क्यों मिलता है?
अगर आपको नहीं पता, तो चलिए हम आपको बताते है. जेल मे कैदियों को नियमों के तहत स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है. नियमों के अनुसार, आसमान में चमकते सितारों को गिनते हुए सोने का यह खास मौका सुपीरियर क्लास के कंविक्ट (सजायाफ्ता कैदी) को ही मिलता है.
जेल में कैदयों को 15 अप्रैल से 15 अक्टूबर के बीच सुपीरियर क्लास के कंविक्ट को खुले में सोने की परमीशन दी जाती है. खुले में सोने के लिए भी कुछ अलग से नियम है. सुपीरियर क्लास के कंविक्ट को ये स्पेशल ट्रीटमेंट तभी मिल सकता है, जब जेल में सुरक्षा की पर्याप्त इंतजाम हों.
इसके लिए कोई एक्सट्राखर्च नहीं होता. जेल की शर्तों के अनुसार कैदी पूरी रात बैरक या सेल की घुटन की जगह खुले आसमान के नीचे गहरी लंबी सांसे लेते हुए अपनी नींद पूरी कर सकते हैं.
सुपीरियर क्लास कंविक्ट के स्पेशल ट्रीटमेंट में कैदी को मच्छरदानी दी जाती है. वहीं, दूसरे कैदियों को मेज, स्टूल और लैंप की सुविधा भी दी जाती है. स्पेशल क्लास के कंविक्ट के कैदियों को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है.
उत्तर प्रदेश में इन्हें स्पेशल क्लास कंविक्ट के नाम से जाना जाता है. इसी के साथ महाराष्ट्र में कैटेगरी-वन तो कर्नाटक में इनको कैटेगरी-ए के कैदी कहा जाता है.