हरियाणा में अधिक बारिश से बाजरे की सीटोंयो में फुटाव शुरू, नरमे की फसल 80% तक खराब, अन्य फसलों में भी नुकसान की आशंका
झमाझम बरसात ने जहां लोगों को राहत प्रदान की है वहीं बरसात से खरीफ की फसल अब बर्बादी के कगार पर है। सामान्य से अधिक बरसात ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। ज्यादा बारिश के कारण खरीफ की प्रमुख फसल ग्वार, मूंग, कपास व बाजरे की फसल को अब फायदे की बजाय नुकसान हो रहा है। ज्यादा बारिश के कारण कपास की फसल में टिंडों में ही बीज अंकुरित होने लग गया वहीं बाजरे की सीटियों में भी फुटाव शुरू हो गया है।
बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। रविवार की बात की जाए तो पूरे प्रदेश में करीब 20 एमएम बरसात हुई है। बरसात के कारण खेतों में जाने वाले रास्तों पर लोगों को आवाजाही के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा है। किसान धर्मपाल बारवास, राजेश सिंघानी, मोहन फरटिया, उमेद काजला, रवींद्र कस्वां, विनोद शर्मा, विष्णु शर्मा, रणधीर सांगवान, राजेश बरालू आदि ने बताया कि उनकी कपास, मूंग और बाजरे की फसल कर तैयार हो चुकी है। अब किसान कपास की चुगाई व मूंग और बाजरे की कटाई का कार्य शुरू कर दिया। एक सप्ताह से हो रही वर्षा से फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि फसलों को 50 से 60 फीसद तक नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से स्पेशल गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
हरियाणा मौसम विभाग
मानसून टर्फ अब श्रीगंगानगर, शिवपुरी, दमोह, कलिंगापट्टनम से दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन पंजाब पर बने होने से अरब सागर से भी नमी वाली हवाएं मध्यप्रदेश, राजस्थान होते हुए हरियाणा की तरफ बढ़ने की संभावना से मानसून की गतिविधियां फिर से बढ़ी हैं। रविवार सुबह से लेकर शाम तक भिवानी व आसपास के क्षेत्रों में बादलवाई छाई रही। सुबह रूक-रूककर क्षणिक फुहारें गिरी। दोपहर बाद हल्की से मध्यम बारिश हुई जिससे मौसम खुशनुमा बन गया। मानसून की गतिविधियां राज्य में एक बार फिर से बढ़ोतरी से राज्य में तीन सितंबर के दौरान राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में बादलवाई तथा बीच-बीच में हवाओं व गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश की भी संभावना है। इस दौरान वातावरण में नमी बढ्ने तथा तापमान में गिरावट रहने की संभावना है।"