Chhattisgarh News: नवा रायपुर में 217 करोड़ की लागत से बनेगा पावर कंपनियों का भवन, मुख्यमंत्री आज रखेंगे आधारशिला
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री आज 217 करोड रुपए की लागत से बनने जा रहे पावर भवन की आधारशिला रखेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनियां आने वाले समय में नवा रायपुर शिफ्ट होंगी। कंपनियों के लिए 217 करोड़ की लागत से नया भवन बनेगा। इस भवन की बुधवार को सुबह को 10.30 बजे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आधारशिला रखेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के मंत्री केदार कश्यप करेंगे। नौ मंजिला नया भवन हरित होगा। इसी के साथ भवन के दफ्तर सोलर से रोशन होंगे। डगनिया का डाटा सेंटर और लोड डिस्पैच सेंटर नवा रायपुर शिफ्ट नहीं होगा।
नवा रायपुर के भवन में तीनों कंपनियों के दफ्तर ही शिफ्ट होंगे। शिलान्यास कार्यक्रम में प्रदेश के के मंत्री और आरंग के विधायक गुरु खुशवंत साहेब, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सुनील सोनी, राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, मोती लाल साहू, अनुज शर्मा, इंद्रकुमार साहू विशेष अतिथि होंगे।
संयुक्त मुख्यालय परिसर अत्याधुनिक और हरित भवन के मापदंडों के अनुरूप होगा। 1300 से अधिक कार्मिकों के लिए तैयार होने वाले इस मुख्यालय भवन को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की पांच सितारा रेटिंग और ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ईसीबीसी) के मापदंडों के अनुरूप बनाया जाएगा। नवा रायपुर के सेक्टर 24 में निर्मित होने जा रहे भूतल समेत कुल 9 मंजिलों के इस मुख्यालय काम्पलेक्स में तीनों कंपनियों के लिए तीन टॉवर होंगे। मुख्यालय भवन को ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट (गृहा) के निर्धारित पांच सितारा मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा।
ढाई साल में बनेगा
मुख्यालय परिसर एकीकृत प्रणाली से प्रबंधित होगा जिसे भवन प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस) नियंत्रित कहा जाता है। इसके तहत नियंत्रण कक्ष स्थापित होगा और यह नियंत्रित विद्युत, एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) जल आपूर्ति, अग्निशमन, अग्नि अलार्म, ऑडियो विजुअल, सीसीटीव्ही निगरानी से लैस होगी। मुख्यालय परिसर के विकास का काम छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी को सौंपा गया है। मुख्यालय भवन का निर्माण 10 हजार वर्ग मीटर में होगा जिस पर लगभग 217 करोड़ रुपए का व्यय होगा। भवन निर्माण का कार्य अगले 30 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।
भवन में सौर ऊर्जा संयंत्र लगेंगे
नेट जीरो अवधारणा के साथ भवन में हरित ऊर्जा का ही उपयोग हो इसके लिए प्रथम चरण में 55 प्रतिशत तथा दूसरे चरण में शत प्रतिशत ऊर्जा की आपूर्ति सौर ऊर्जा से होगी। भवन में लगभग 12 सौ किलोवॉट विद्युत के खपत का आँकलन है। परिसर में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। इतना ही नहीं भवन में कांच युक्त बाह्य सतह पर बिल्डिंग इंटिग्रेटेड फोटो वोल्टायिक सिस्टम (बौआईपीव्ही) होगा जो सूर्य की रोशनी नहीं होने पर भी भवन के ताप से भी विद्युत निर्माण कर सकेगा। 21 वीं सदी के पहले नियोजित शहर में टीओडी मॉडल में विकास का खाका तैयार किया गया है। उसी अनुरूप पॉवर कंपनियों का मुख्यालय तैयार किया जा रहा है।