वाहन चालकों के लिए बड़ी खबर, पेट्रोल-डीजल के दामों में होगी कटौती
petrol diesel prices :वाहनों चालकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार जल्द ही पेट्राेल-डीजल की कीमतों में कटौती करने जा रही है। इसका कारण कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ड्रंप की टैरिफ नीति को बताया जा रहा है। इसके अलावा भारतीय रुपया मुद्रा बाजार में डालर के मुकाबले कुछ मजबूत हो रहा है। भारतीय रुपये पर भी ट्रंप की टैरिफ नीतियों का असर पड़ता दिखाई दे रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम
इस समय अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीतियों का अमेरिका पर ही उल्टा असर हो रहा है। मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया मजबूत हो रहा है। डाॅलर के मुकाबले रुपये की स्थिति कुछ मजबूत हुई है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कुछ कमी आना स्वाभाविक है। उम्मीद है जल्द ही कच्चे तेल की कीमतें टूट जाएंगी। यदि ऐसा होता है तो फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतें कुछ कम हो सकती हैं।
तीन सालों में सबसे बड़ी गिरावट
भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कम होकर 85.25 के स्तर पर बंद हुआ है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। ऐसे में पिछले तीन साल में यह सबसे बड़ी गिरावट है। पहली बार भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ है। ब्रेंट क्रूड की कीमतों में भी पिछले तीन साल की अपेक्षा सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुआ है। शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत 3.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 67.87 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गई। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से टैरिट लगाने के बाद वैश्विक स्तर पर माहौल गरमा गया है। ऐसे में सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर ऐसा सामान्य काल में होता तो अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हो जाती, लेकिन फिलहाल अनिश्चितता का माहौल होने के कारण कीमतें कम नहीं हो रही हैं।
2024 के मुकाबले सस्ती दर
पिछले साल मार्च में जब देश में आम चुनाव हुए थे, उस समय भी कच्चे तेल कीमतों में कमी आई थी। उस समय सरकार ने दो रुपये पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती कर दी थी। उस समय भारत ने क्रूड ऑयल को औसतन 82.58 डॉलर प्रति बैरल खरीदा था। अप्रैल के पहले तीन दिनों में यह कीमतें 75.76 डॉलर प्रति बैरल थी।
अमेरिका में बढ़ रही महंगाई
एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका सरकार द्वारा टैरिफ लगाने से अमेरिका में महंगाई स्तर 2.2 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। वैश्विक निर्यात की वृद्धि 2024-25 में 2.9 प्रतिशत थी जो अब घटकर 1.3 प्रतिशत आ सकती है। यह मंदी की तरफ एक इशारा है। ऐसे में क्रूड ऑयल की कीमतों में कमी आ सकती है।