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PM Aawas Yojana: 5 हजार की पंजीयन राशि पर मिलेंगे 700 मकान, निगम ने 5 साल अटकी पड़ी 35 करोड़ की योजना का ठेका किया निरस्त

 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ प्रदेश के बिलासपुर शहर में पीएम आवास योजना के तहत 5000 की पंजीयन राशि पर 700 मकान आवंटित करने की प्रक्रिया एक बार फिर तेज हो गई है। गटर बने तालापारा के मिनीमाता तालाब और मेढ़ के चारों ओर बेजा कब्जा में बनी झुग्गियों की हालत बदलने स्मार्ट सिटी ने 35 करोड़ की योजना 5 साल पहले बनाई गई। इसके लिए वर्क ऑर्डर भी जारी हो चुका था, लेकिन अब इसका टेंडर निरस्त कर दिया गया है। अब निगम ने यहां नई योजना लांच की है। यहां अब मकान साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी) के तहत बनाए जाएंगे।

निगम ने इस का प्रस्ताव बनाते हुए शासन के पास भेजा है। ध्यान रहे कि एएचपी अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशीप है। यह केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाय) के तहत एक घटक है। इस योजना के तहत, सार्वजनिक और निजी एजेंसियां मिलकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए किफायती घर बनाती हैं। केंद्र सरकार ऐसे घर बनाने के लिए प्रति घर 1.5 लाख तक की केंद्रीय सहायता प्रदान करती है, बशर्ते परियोजना में कम से कम 35 प्रतिशत घर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के हों।

ज्ञात हो कि तालाब के पास ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 700 आवासों का निर्माण किया जाना है। इसके लिए 12.50 करोड़ का वर्क ऑर्डर बीएसबी, भिलाई को 5 साल पहले दिया गया था। इस योजना के तहत झुग्गियों में रहने वालों को मात्र 5 हजार रुपए की पंजीयन राशि तथा शेष 70 हजार रुपए किस्त में लेकर 5 लाख की लागत के पक्के मकान दिए जाने थे। मामला 5 साल लेकिन अटका पड़ा रहा। ठेकेदार पुरानी कीमत पर काम करने को तैयार नहीं था और 20 प्रतिशत से अधिक का दर मांग रहा था। निगम इसे देने को तैयार नहीं था।। निगम ने लेटलतीफी के बाद ठेकेदार का टेंडर निरस्त करते हुए अमानत राशि जब्त कर ली है।

राशि जब्त की गई

अमित कुमार, निगम आयुक्त ने बताया कि पुराने ठेकेदार का टेंडर निरस्त करते हुए अमानत राशि जब्त कर ली गई है। अब तालापारा में मकान एएचपी योजना के तहत बनाए जाएंगे। निगम ने इस का प्रस्ताव बनाते हुए शासन के पास भेजा है। यह योजना केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाय) के तहत एक घटक है। इस योजना के तहत, सार्वजनिक और निजी एजेंसियां मिलकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए किफायती घर बनाती है।

घरों का क्षेत्रफल कुल 30-45 वर्ग मीटर का रहेगा

निगम के मुताबिक एएचपी योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी क्षेत्र की निर्माण कंपनियां मिलकर ईडब्ल्यूएस घर बनाएंगी। केन्द्र सरकार द्वाराप्रत्येक ईडब्ल्यूएस घर के लिए 15 लाख की वित्तीय सहायता दी जाएगी जिससे निर्माण लागत कम हो जाएगी। बनने वाले घरों का क्षेत्रफल कुल 30-45 वर्ग मीटर का रहेगा। निगम के मुताबिक ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पात्र लाभार्थी इन घरों को खरीद सकते हैं। निगम ने शासन के पास प्रस्ताव भेज दिया है। फिलहाल जिन 450 लोगो को प्रधानमंत्री योजना के तहत तालापारा में ही मकान बनाकर दिया जाना था वे आज भी बेघर हैं और अपने आवास के लिए भटक रहे हैं।