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रतलाम / मंडल में उज्जैन यार्ड रिमॉडलिंग कार्य पूर्ण, उज्जैन रेल यातायात को मिली एक नई दिशा, रेल ट्रैफिक होगा और अधिक सुगम व सुरक्षित, यात्रियों का मिलेगी अतिरिक्‍त सुविधा
 
 

रतलाम, 15 अक्टूबर(इ खबर टुडे)। पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के उज्जैन स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग कार्य अपने निर्धारित समय से एक दिन पूर्व अर्थात 14 अक्‍टूबर को ही सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया। निर्धारित समयावधि से पूर्व कार्य को पूरा करना, रेल कर्मियों की कार्यकुशलता एवं कार्यनिष्‍ठा को प्रदर्शित करता है। इस महत्वपूर्ण कार्य की पूर्णता के साथ उज्जैन स्टेशन पर रेल संचालन व्यवस्था और अधिक सशक्त, सुरक्षित एवं सुगम हो गई है। 

इसी के साथ ऑब्जेक्ट कन्ट्रोलर-सी यार्ड से उज्जैन जंक्शन के मध्य दोहरीकृत रेल खंड का सफल कमीशनिंग रेल संरक्षा आयुक्त पश्चिम परिमंडल ई. श्रीनिवास द्वारा निरीक्षण उपरांत किया गया। साथ ही पश्चिम रेलवे के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम का सफल कमीशनिंग भी 14 अक्‍टूबर 2025 को सम्पन्न हुआ, जिसमें 500 से अधिक रूट्स (537 रूट्स) की सुविधा उपलब्ध है।

उज्जैन यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के पूर्ण होने से अनेक महत्त्वपूर्ण लाभ प्राप्त हुए हैं। प्लेटफार्म क्रमांक 2 एवं 3 को पूर्ण लंबाई का बना दिया गया है जिससे लंबी ट्रेनों की ठहराव में सुविधा होगी। पूर्व में मीटरगेज प्लेटफार्म रहा प्लेटफार्म क्रमांक 7 अब पूर्ण लंबाई का ब्रॉडगेज प्लेटफार्म बन गया है। स्टेशन पर दो नई रनिंग लाइनें (लाइन क्रमांक 10 एवं 11) जोड़ी गई हैं जिससे परिचालन क्षमता में वृद्धि हुई है। प्लेटफार्म क्रमांक 8 को अब दोनों दिशाओं से अर्थात नागदा तथा भोपाल एंड से उपयोग में लाया जा सकेगा जबकि पूर्व में यह केवल भोपाल दिशा से जुड़ा हुआ था। प्‍लेटफार्म क्रमांक 8 पर दोनों दिशाओं से ट्रेन का आवागमन होने से इसकी उपयोगिता बढ़ेगी तथा अन्‍य प्‍लेटफार्मों पर से दबाव कम होगा।

नागदा छोर पर दो नए डेड एंड लगाए गए हैं जिससे सिग्नल ओवरलैप को दो अलग-अलग समूहों में विभाजित किया गया है। पहला समूह लाइन क्रमांक 03, 04, 05 एवं 06 के लिए तथा दूसरा समूह लाइन क्रमांक 07 से 12 तक के लिए रहेगा। इससे सिग्नलिंग प्रणाली और अधिक सुरक्षित तथा व्यवस्थित हो गई है। उज्जैन सी-यार्ड का संचालन अब मुख्य यार्ड के साथ एकीकृत कर दिया गया है तथा संपूर्ण संचालन अब नए ई.आई.(इलेक्‍ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग) टावर उज्जैन से केंद्रीकृत रूप में किया जाएगा।

वर्तमान अप एवं डाउन लाइनों को उज्जैन–क्षिप्रा ब्रिज तथा उज्जैन-उज्जैन ऑब्जेक्ट कन्ट्रोलर-सी यार्ड उज्जैन सी केबिन के बीच ‘ट्विन सिंगल लाइन’ के रूप में कार्य करने योग्य बनाया गया है, जिससे रेल यातायात प्रवाह में सुधार हुआ है। इंजन रिवर्सल एवं अन्य परिचालन कार्य हेतु एक अतिरिक्त शंटिंग नेक उपलब्ध कराई गई है, जिससे मुख्य लाइन पर दबाव कम होगा। इसके अतिरिक्त 90 मीटर लंबाई की नई सैलून साइडिंग उच्चस्तरीय प्लेटफार्म सहित तैयार की गई है।

ए.आर.एम.ई.(एक्सिटेंड रीलिफ मेडिकल इक्‍यूपमेंट) साइडिंग को वर्तमान स्थान से एन.सी. यार्ड में स्थानांतरित किया गया है, जो अब ए.आर.टी.(एक्सिडेंट रीलिफ ट्रेन) साइडिंग के समानांतर होगी। इसमें दोहरी निकासी (डबल एग्जिट) तथा इंटरलॉक्ड सिग्नलिंग प्रणाली की सुविधा होगी। वर्तमान में एन.सी. यार्ड स्थित ए.आर.टी. साइडिंग जो अब तक नॉन इंटरलॉक्ड प्रणाली से संचालित थी, उसे भी अब इंटरलॉक्ड सिग्नलिंग एवं दोहरी निकासी सुविधा से सुसज्जित कर दिया गया है, जिससे आपातकालीन परिचालन में तीव्रता और दक्षता आएगी।

14 अक्‍टूबर 2025 को रतलाम मंडल के लिए तीन प्रमुख उपलब्धियाँ दर्ज हुईं। उज्जैन यार्ड रिमॉडलिंग कार्य की पूर्णता जिससे अतिरिक्त लाइनों, विस्तारित एवं बेहतर जुड़े प्लेटफार्मों की सुविधा मिली; ऑब्जेक्ट कन्ट्रोलर-सी  यार्ड से उज्जैन जंक्शन के मध्य दोहरीकृत रेल खंड का सफल कमीशनिंग; तथा पश्चिम रेलवे के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम का शुभारंभ, जिसमें 500 से अधिक रूट्स का संचालन संभव है।

इन सभी कार्यों के सफल संपादन से उज्जैन स्टेशन का रेल संचालन और अधिक सुचारु, सुरक्षित तथा आधुनिक स्वरूप में परिवर्तित हो गया है। उज्‍जैन रेलवे स्‍टेशन पर रेल संचालन से संबंधित एक साथ तीन महत्‍वपूर्ण कार्य का पूर्ण होना रतलाम मंडल के तकनीकी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है जिसमें वि‍भिन्‍न विभागों जैसे संकेत एवं दूरसंचार, इंजीनियररिंग, टीआरडी, परिचालन  सहित अन्‍य विभागों का काफी महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है।