युवा पीढ़ी ने अपनी प्रस्तुति से दिया सुखद भविष्य का आश्वासन, 'सुने सुनाएं ' को अगले माह होंगे 3 वर्ष पूर्ण
युवाओं ने किया प्रभावित
'सुनें सुनाएं ' का 35 वां सोपान युवाओं को समर्पित था। इसमें 13 वर्ष से 40 वर्ष तक के युवा साथियों ने अपने पसंद के रचनाकारों की रचनाओं का पाठ किया। जी.डी. अंकलेसरिया रोटरी हाल पर आयोजित कार्यक्रम में चेतना वर्मा द्वारा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचना ' वर दे वीणा वादिनी ' का पाठ,कुणाल परमार द्वारा भवानी प्रसाद मिश्र की रचना ' तुम काग़ज़ पर लिखते हो ' का पाठ,हर्ष प्रजापति द्वारा नटवरलाल स्नेही की रचना ' संभल - संभल कर चलो ' का पाठ, यश चरपोटा द्वारा मैथिलीशरण गुप्त की रचना ' मां कह एक कहानी ' का पाठ, प्रतीक्षा प्रजापति द्वारा रामावतार त्यागी की रचना ' तन समर्पित मन समर्पित ' का पाठ, हर्षवर्धनी पंवार द्वारा राजेश जोशी की रचना ' इत्यादि ' का पाठ, नेहा राठौर द्वारा रामधारी सिंह दिनकर की रचना 'सच है, विपत्ति जब आती है' का पाठ, जाह्नवी वर्मा द्वारा अज्ञात रचनाकार की रचना ' कारगिल की घाटी ' का पाठ, दिव्यांश लाठी द्वारा इरशाद कामिल की रचना ' मन के जीते जीत है ' का पाठ, ट्विंकल पंवार द्वारा डॉ. हरिवंश राय बच्चन की रचना 'मधुशाला से' का पाठ, माधव शर्मा द्वारा बाल कृष्ण राव की रचना ' आदत ' का पाठ, गार्गी जामड़ा द्वारा रामधारी सिंह दिनकर की रचना ' नित जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन ' का पाठ किया गया।
इनकी रही उपस्थिति
आयोजन को अपनी उपस्थिति से शहर के सुधि श्रोताओं ने सार्थक किया। ओम प्रकाश मिश्र, नरेंद्र त्रिवेदी, नरेंद्र सिंह पंवार, आशा श्रीवास्तव, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, आई.एल. पुरोहित, विनोद झालानी, रीता दीक्षित, कविता व्यास, विभा राठौड़, श्याम सुंदर भाटी, रंजना लाठी, ललित चौरडिया, मणिलाल पोरवाल, विनय योगी, श्री राम दिवे, ऋषिकेश शर्मा, अनामिका भुरकुन्दिया, किरण छाबड़ा , डॉ. गोविंद प्रसाद डबकरा , जागृति काकानी, संजय परसाई सरल, प्रकाश हेमावत, डॉ. कारूलाल जामड़ा, नरेंद्र सिंह डोडिया, अलका जोशी, सुभाष यादव, गजेंद्र सिंह चौहान, महावीर वर्मा, आशीष दशोत्तर ने युवा प्रस्तुतकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। रीता दीक्षित ने सभी प्रस्तुतकर्ताओं को पुरस्कृत किया।