डॉक्टर द्वारा आपरेशन में लापरवाही बरतने के आरोप को उपभोक्ता फोरम ने किया खारिज
रतलाम,22अप्रैल (इ खबरटुडे)। आपरेशन मे लापरवाही बरतने और इस लापरवाही के चलते 8 लाख रु.की क्षतिपूर्ति दिलाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम के विद्वान न्यायाधीश ने अवधि बाधित मानते के साथ लापरवाही के तथ्य को अप्रमाणित मानते हुए परिवादी के वाद को निरस्त कर दिया।
प्रकरण में विपक्षी इन्दौर निवासी डा. अशोक लड्ढा के अभिभाषक संतोष त्रिपाठी ने प्रकरण की जानकारी देेते हुए बताया कि परिवादी ग्र्राम धराड निवासी कैलाशचन्द्र पिता राधाकिशन सांकला को वर्ष 2017 में निरन्तर हिचकी और उबकाई आने की समस्या के चलते इन्दौर के चौईथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था,जहां उनका आपरेशन किया गया,जिसमें उनके करीब तीन लाख रु. व्यय हो गए।
लेकिन इसके बावजूद उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं हुआ। आपरेशन के दो माह बाद उन्होने जीबीएल हास्पिटल में दिखाया,वहां के चिकित्सकों ने उन्हे फिर से आपरेशन की सलाह दी। परिवादी कैलाशचन्द्र सांकला ने फिर करीब सवा लाख रु. का व्यय करके आपरेशन करवाया लेकिन इस आपरेशन के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया,बल्कि उनकी स्थिति और खराब होने लगी।
इसके बाद वर्ष 2019 में परिवादी कैलाशचन्द्र सांकला ने विशेष हास्पिटल के डाक्टर अशोक लड्ढा को दिखाया। डा. अशोक ने उन्हे बताया कि पहले किए गए उनके आपरेशन गलत तरीके से किए गए थे,इसलिए अब उनका फिर से आपरेशन करना पडेगा,जिस पर तीन से आठ लाख रु. का व्यय आएगा। विशेष हास्पिटल में आपरेशन करवाने के बाद भी परिवादी की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। आपरेशन के बाद लगातार करीब एक साल तक इलाज कराने के बाद भी परिवादी की हालत में सुधार नहीं आया। आखिरकार परेशान होकर परिवादी कैलाशचन्द्र सांकला ने डा. अशोक लड्ढा के विरुद्ध जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद प्रस्तुत कर 8 लाख रु. क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की मांग की थी।
डा. अशोक लड्ढा के अभिभाषक संतोष त्रिपाठी ने उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत अपने उत्तर में बताया कि परिवादी ने पहली बार वर्ष 2022 में एक परिवाद प्रस्तुत किया था,जिसमें उन्होने डा. अशोक लड्ढा के अलावा डा. विनीत गौतम और चौईथराम अस्पताल को भी पक्षकार बनाया था। लेकिन परिवादी ने अपना यह परिवाद,नवीन परिवाद प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया था।
उक्त परिवाद को वापस लेने के दो वर्ष बाद परिवादी ने केवल विपक्षी डा. अशोक लड्ढा के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत किया है। उन्होने इसका कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया है कि पूर्व में प्रस्तुत परिवाद वापस क्यों लिया था।
डा.लड्ढा के अभिभाषक संतोष त्रिपाठी ने उपभोक्ता फोरम में तर्क प्रस्तुत करते हुए बताया कि डा. अशोक लड्ढा ने स्थापित मेडीकल प्रक्रिया के अन्तर्गत परिवादी कैलाशचन्द्र सांकला का आपरेशन किया था। डा. लड्ढा द्वारा मानवीय आधार पर परिवादी की निशुल्क सर्जरी भी की गई थी। डा. लड्ढा ने परिवादी की सर्जरी में किसी प्रकार की उपेक्षा नहीं की। ऐसी स्थिति में परिवादी के परिवाद को सव्यय निरस्त किए जाने का निवेदन अभिभाषक संतोष त्रिपाठी ने किया था।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम के विद्वान अध्यक्ष मुकेश कुमार तिवारी ने विपक्षी डा. अशोक लड्ढा के अभिभाषक संतोष त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत तर्को और तथ्यों से सहमत होते हुए यह माना कि परिवादी कैलाशचन्द्र सांकला का परिवाद अवधि बाधित है और साथ ही परिवादी,विपक्षी चिकित्सक के द्वारा उसके उपचार में लापरवाही बरतने के तथ्य को प्रमाणित करने में असफल रहा है। ऐसी स्थिति में उपभोक्ता फोरम द्वारा परिवादी का परिवाद निरस्त कर दिया गया। प्रकरण में डा. अशोक लड्ढा की ओर से सफल पैरवी एडवोकेट संतोष त्रिपाठी द्वारा की गई। डॉक्टर