Soybean: अक्टूबर महीने में रतलाम जिले में 13 दिन बंद रहेगी सोयाबीन मंडी, किसानों को होगी परेशानी
Ratlam News: खरीफ सीजन की फसलों की कटाई अब जोर पकड़ चुकी है। खेतों से मूंग, सोयाबीन और अन्य फसलें मंडियों तक पहुंचने लगी है। सामान्यतः अक्टूबर का महीना किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस माह नई फसल बिककर नकदी में बदलती है। इससे किसान केवल रबी सीजन की बोवनी के लिए खाद-बीज और डीजल खरीदते हैं बल्कि त्योहारी खर्च भी इसी आमदनी से पूरा होता है। इस बार अक्टूबर किसानों के लिए राहत नहीं बल्कि चिंता लेकर आया है। वजह मंडी में लगातार छुट्टियों की वजह से ताले लटकने वाले हैं।
इस पूरे महीने में 31 दिनों में से 13 दिन मंडी बंद रहेगी। यानी किसानों को अनाज बेचने के लिए कम मौके मिलेंगे। खास बात यह है कि दीपावली का सप्ताह तो किसानों के लिए सबसे अधिक परेशानी भरा साबित होगा। 19 से 26 अक्टूबर तक 8 दिनों में से केवल एक दिन यानी 24 अक्टूबर को ही मंडी खुलेगी। बाकी 7 दिन लगातार अवकाश और त्योहार की छुट्टियों में बीत जाएंगे। मंडी निरीक्षक अजय उपाध्याय ने बताया कि अक्टूबर की शुरुआत से ही छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं। 1 अक्टूबर को महानवमी और 2 अक्टूबर को दशहरा होने से दो दिन मंडी बंद रही। 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती, 11 और 25 अक्टूबर को द्वितीय व चतुर्थ शनिवार तथा 5, 12, 19 और 26 अक्टूबर को रविवार के चलते मंडी में अवकाश रहेगा। इसके अलावा दीपावली के अवसर पर 20 से 23 अक्टूबर तक 4 दिन की छुट्टी रहेगी। ऐसे में किसानों को बार-बार मंडी पहुंचने के बाद भी अनाज न बेच पाने की स्थिति का सामना करना पड़ेगा और परेशानी होगी।
नमी और मौसम का असर पड़ता है अनाज की गुणवत्ता पर
किसान संगठनों के मुताबिक जब फसल तैयार होकर कट चुकी हो और मंडी में बिकने का मौका न मिले तो सबसे ज्यादा दबाव किसानों पर ही आता है। खेत से मंडी तक ले गए अनाज को रखना आसान नहीं है। नमी और मौसम का असर अनाज की गुणवत्ता बिगाड़ सकता है। वहीं किसान को तुरंत नकदी की जरूरत होती है ताकि रबी सीजन की बोवनी की तैयारी समय पर हो सके। इसके अलावा त्योहारों का सीजन सामने होने के कारण हर किसान के घर खर्च बढ़ जाते हैं। खाद-बीज और डीजल जैसी आवश्यकताओं पर भी रुपए की सख्त जरूरत पड़ती है। ऐसे में मंडियों की लगातार छुट्टियां किसानों के माथे पर चिंता की गहरी लकीरें खींच रही हैं। (Ratlam News)