रतलाम,4 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। देश का भविष्य गढने वाले शिक्षक इन दिनों वेतन नहीं मिलने से परेशान है। जिले के हजारों शिक्षकों का वेतन सिर्फ इसलिए रोक लिया गया है कि उन्होने पूरे महीने नौकरी तो की,लेकिन अलग अलग कारणों से उनकी इ अटेन्डेन्स पूरी नहीं लग पाई। हांलाकि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैैं।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग में बीते करीब चार महीनों से शिक्षकों को इ अटेन्डेन्स लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रत्येक शिक्षक को हमारे शिक्षक नामक मोबाइल एप पर लागिन करना होता है और अपने विद्यालय के परिसर में पंहुच कर इस एप के जरिये इ अटेन्डेन्स लगानी होती है। यह एप अटेन्डेन्स किस लोकेशन पर लगाई गई है,इस बात को स्पष्ट करता है। इ अटेन्डेन्स के पीछे शिक्षा विभाग के अधिकारियों का उद्ेश्य यह था कि कोई भी शिक्षक मक्कारी ना कर सके और उशका स्कूल पंहुचना सुनिश्चित हो सके।
शिक्षकों ने इस इ अटेन्डेन्स का जमकर विरोध किया था। उनका कहना था कि जिले के दूर दराज इलाकों में कई स्थानों पर नेटवर्क की समस्या विद्यमान है,ऐसे में उनके लिए इ अटेन्डेन्स लगाना संभव नहीं है। इसके अलावा शिक्षकों के लिए बनाए गए भर्ती नियमों में भी इ अटेन्डेन्स लगाने की कोई बाध्यता नहीं है। शिक्षकों का यह भी कहना था कि हमारे शिक्षक एप सरकारी एप ना होकर किसी प्राइवेट व्यक्ति द्वारा बनाया गया है,जिसके कारण शिक्षकों के साथ साइबर फ्राड होने की भी पूरी आशंका है।
लेकिन शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिक्षकों की आपत्ति पर कोई ध्यान नहीं दिया और पूरे विभाग में मौखिक रुप से यह कहा जाता रहा कि यदि इ अटेन्डेन्स के आदेश का पालन नहीं किया गया,तो शिक्षकों का वेतन रोक लिया जाएगा।
जिले में चार हजार से अधिक शासकीय विद्यालय है और इनमें 16 हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जिले भर के सभी 16 हजार से अधिक शिक्षकों का नवंबर माह का वेतन रोक लिया है। दिसम्बर माह की एक तारीख को गुजरे तीन दिन बीत चुके है,लेकिन शिक्षकों को वेतन का वितरण नहीं किया गया है।
वर्तमान समय में चुनाव आयोग द्वारा एसआइआर का कार्य किया जा रहा है और अनेक शिक्षकों की ड्यूटी एसआईआर में लगाई गई है। ऐसे में शिक्षकों अपने विद्यालय में जाने की बजाय एसआइआर के काम में लगे है। उन्हे इ अटेन्डेन्स भरने के लिए हमारे शिक्षक एप में लोकेशन बदल कर अपनी वर्तमान लोकेशन दर्शाते हुए इ अटेन्डेन्स भरना है। कई शिक्षकों के एप में लोकेशन बदलने का फंक्शन ठीक से काम नहीं कर रहा है। ऐसे में उनकी इ अटेन्डेन्स लग नहीं पा रही है। हालत यह है कि जिन शिक्षकों की इ अटेन्डेन्स अस्सी प्रतिशत से भी अधिक है,लेकिन पूरी सौ प्रतिशत नहीं है,उनका भी वेतन विभाग ने रोक लिया है।
म.प्र.शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष गोपाल उपाध्याय का कहना है कि इ अटेन्डेन्स कम होने पर किसी भी शिक्षक का वेतन नहीं रोका जा सकता,यह आदेश म.प्र.उच्च न्यायालय की जबलपुर खण्डपीठ द्वारा जारी किया गया है। हांलाकि शिक्षा विभाग के अधिकारी,अधिकारिक तौर पर यह नहीं कह रहे है कि शिक्षकों का वेतन इ अटेन्डेन्स कम होने की वजह से रोका गया है। लेकिन वेतन रोके जाने का कारण भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है।
जब इ खबरटुडे ने इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती अनिता सागर से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल नो रिप्लाय होता रहा। दूसरी तरफ कलेक्टर मिशा सिंह ने इ खबरटुडे को बताया कि इ अटेन्डेन्स कम होने की वजह तो थी ही,शिक्षकों के वेतन बिल बनने में भी देरी हुई थी,इस वजह से वेतन वतरित नहीं हो पाया था। लेकिन अब सीईओ जिला पंचायत को निर्देश दे दिए गए हैैं कि शिक्षकों का वेतन जारी किया जाए। जल्दी ही शिक्षकों का वेतन वितरित कर दिया जाएगा।

