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 बेघर, अनाथ और असहाय बच्चो को कानूनी पहचान प्रदान करने लिए साथी अभियान की शुरुआत

 
 

रतलाम 21 मई(इ खबर टुडे)। देश के   बैघर, अनाथ और असहाय बच्चो लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार‘‘साथी’’ योजना तैयार की गई है। अभियान के तहत निराश्रित बच्चों को कानूनी पहचान प्रदान करने और सामाजिक कल्याण तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए केन्द्रीय राष्ट्रीय अभियान ‘‘साथी’’ अभियान का राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ‘नालसा’ द्वारा शुभारंभ किया गया है। अभियान के अंतर्गत सड़कों पर या देखभाल गृहों में रहने वाले ऐसे कई बच्चों जिनके पास आधार नहीं है, जो सरकारी लाभ, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और विभिन्न बाल कल्याण कानूनों के तहत सुरक्षा प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है।

‘साथी’ का लक्ष्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के नेतृत्व में एक मिशन-मोड के अंतर्गत सर्वेक्षण कर, आधार पंजीकरण और कानूनी सहायता के माध्यम से इस अंतर को पाटना है। ऐसे निराश्रित बच्चे जिनकी आयु 18 वर्ष से कम है जिनके पास परिवार का समर्थन, संरक्षकता या आश्रय सुरक्षा और देखभाल को कोई स्थिर स्त्रोत नहीं है। जिसके अंतर्गत सड़को पर, झुग्गी झोपड़ियों में या रेल्वे स्टेशनों पर रहने वाले बच्चे, बाल देखभाल संस्थान में रहने वाले या नहीं रहने वाले अनाथ बच्चे, परित्यक्त बच्चे, तस्करी या भीख मांगने वाले, बाल श्रम से बचाये गए बच्चे, अनौपचारिक आश्रयों या अपंजीकृत बाल देखभाल गृहों में रहने वाले बच्चें, लापता बच्चे जो बरामद हुए है जिन्हे परिवार को नहीं सौंपा गया है। ऐसे सम्मिलित किये जावेंगे।

अभियान के क्रियान्वयन के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष सुश्री नीना आशापुर के मार्गदर्शन मे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम सचिव नीरज पवैया द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी के गठन के पश्चात् 21 मई 2025 को कमेटी के सदस्यों के लिए ओरियेंटेशन सेशन का आयोजन किया गया। 

उक्त कार्यक्रम में योजना की एक विशेष टीम गठित की जाकर जिसमें डॉक्टर, तहसीलदार, महिला बाल विकास पैरलीगल वालंटियर (न्याय मित्र), पैनल लॉयर एवं बच्चों के लिए कार्य कर रही चाइल्ड हेल्प लाईन आदि के सहयोग से इकाई के माध्यम से बच्चों को चिन्हित किया जाकर कार्य किया जाना है। इस कार्य की एक नियत समय अवधि में रूपरेखा तैयार की गई है। जिसके अनुसार कार्य किया जाना है और प्रत्येक सप्ताह इसकी रिपोर्टिंग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को की जाना है। अंतिम चरण में बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए भी कार्य किया जाना है।

 

कार्यक्रम में तहसीलदार शहर ऋषभ ठाकुर, जिला आधार प्रबंधक डी.ई. जी.एम.  नरेन्द्रसिंह सौलंकी, ई-गर्व. टीम मैनेजर  मनीष शर्मा,  ओमप्रकाश, अधिवक्ता (निवेदिता बालिका गृह)  प्रेम चौधरी,  प्रशांत कुशवाह, सुश्री ऋतु वर्मा,  अमित पावके, श्रीमती पारू मालवीय, अर्पित गुप्ता (शिशुगृह)  गिरीश दुबे,  संतोष चैहान, पैरालीगल वालेंटियर्स   सुनील शर्मा,   सचिन गावड़े,  विजय शर्मा, सुश्री आभा निमावत,  ईश्वरलाल बोराना, अधिवक्ता सचिन गावड़े एवं कार्यालयीन स्टॉफ उपस्थित रहा।