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 गाय और बछड़े के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने वाले आरोपी खोजेमा को कोर्ट ने सुनाई सश्रम कारावास की सजा 
 
 

रतलाम,22 नवम्बर (इ खबर टुडे) ।करीब डेढ़ वर्ष पहले  गाय एवं बछड़े  के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोप में गिरफ्तार किये गए खोजेमा नामक  एक  आरोपी को आज जिला न्यायालय में  2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं  अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। आरोपी तभी से कारागार  निरुद्ध है। 

अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने बताया कि अभियोजन के अनुसार दिनांक 25 एवं 26 मई 2024 की दरमियानी रात में फरियादी आशीष सोनी निवासी अमलतास कॉलोनी रतलाम अपने मित्र विजय सोनी के साथ घर से दवाई लेने के लिए मोटरसाइकिल से सिविल अस्पताल रतलाम जा रहा था।  रास्ते में फूल मंडी से निकलने के दौरान फूल मंडी में टीन शेड के नीचे रात्रि लगभग 2:35 पर एक दाढ़ी वाला व्यक्ति दिखाई दिया।  उसपर हेडलाइट की रोशनी डालने पर दिखाई दिया कि दाढ़ी वाला व्यक्ति एक छोटे बछड़े के मुंह में अपना लिंग डाल रहा था और उसके बाद मुंह में से लिंग निकाल कर पास खड़ी गाय की योनि में डालने लगा था। 

 विजय के द्वारा आवाज लगाकर उसे व्यक्ति से जब इस बारे में पूछा गया तो वह  दाढ़ी वाला व्यक्ति  फरियादी को जान से मारने की धमकी देने लगा।  उसी समय वहां से पुलिस की गाड़ी निकलने पर फरियादी ने आवाज देकर पुलिस के वाहन को  रोका। फरियादी विजय ने  वाहन में बैठे उपनिरीक्षक ए पी सिंह तथा आरक्षक मुकेश कुमावत को घटना के बारे में जानकारी दी। जब पुलिस अधिकारियो ने आरोपी से नाम पूछा तो  उसने अपना नाम खोजेंमा पिता नजमुद्दीन समोसे वाला बोहरा निवासी बोहरा बाखल रतलाम होना बताया था।  तत्पश्चात आरोपी को माणक चौक थाने ले गया जहां पर फरियादी की रिपोर्ट पर आरोपी खोजेमा के विरुद्ध धारा 377, 506 भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया था।  

पुलिस की विवेचना में आरोपी द्वारा किया गया कृत्य फूल मंडी में स्थित विष्णु माली की दुकान पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था।  जिसकी सीसीटीवी फुटेज पुलिस द्वारा प्राप्त की गई थी।  पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।  आरोपी का विचारण द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशीष श्रीवास्तव के यहां पर किया गया।  विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अपने साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए गए एवं सीसीटीवी फुटेज न्यायालय में चला कर देखे गए। 

 अभियोजन की साक्ष्य एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी खोजेमा  को धारा 377 भादवि के अपराध में दोषसिद्ध पाया और आरोपी को दो वर्ष सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।  आरोपी प्रकरण दर्ज होने के उपरांत से ही जेल में ही है।अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह चौहान के द्वारा की गई।