Movie prime
 दिल्ली की आतंकी घटना से कोई सबक नहीं लिया रतलाम की पुलिस ने,अब भी लगे हुए विवादित पोस्टर्स
 
 

रतलाम,13 नवंबर (इ खबरटुडे)। दिल्ली के नजदीक फरीदाबाद में व्हाइट कालर आंतकी माड्यूल का पर्दाफाश होने और उसके तुरंत बाद दिल्ली में कार बम विस्फोट होने के बाद पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को कडा कर दिया गया,लेकिन लगता है कि रतलाम पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम से कोई सबक नहीं लिया। फरीदाबाद का पूरा आतंकी माड्यूल,कश्मीर में लगाए गए पोस्टर्स के जरिये उजागर हुआ था। यहां रतलाम में भी कई स्थानों पर विवादित पोस्टर्स लगे हुए हैैं.लेकिन पुलिस ने अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फरीदाबाद में बरामद किए गए 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट की जानकारी खुफिया एजेंसियों को कश्मीर में लगाए जा रहे आतंकी पोस्टर्स के माध्यम से मिली थी। कश्मीर में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर्स लगाए जा रहे थे। खुफिया एजेंसियों ने पोस्टर लगाने वाले लोगों को सर्विलैैंस पर लिया,तब उन्हे फरीदाबाद में डाक्टरों द्वारा चलाए जा रहे आतंकी माड्यूल की जानकारी मिली थी।

दिल्ली में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में सुरक्षा बलों को हाई एलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए थे। इन्ही निर्देशों के तारतम्य में रतलाम में भी पुलिस विभाग द्वारा सुरक्षा व्यवस्था कडी किए जाने के दावे किए गए थे। लेकिन पुलिस के इन दावों की पोल शहर में कई स्थानों पर लगे विवादित पोस्टर्स खोलते नजर आ रहे हैैं।

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश में आइ लव मोहम्मद लिखे हुए पोस्टर्स की वजह से कई राष्ट्र विरोधी तत्वों पर कार्यवाही की गई थी। इसके बाद में देश में कई स्थानों पर इस तरह के विवादित पोस्टर्स लगा दिए गए थे। इन पोस्टर्स को लगाने के पीछे वही तत्व सक्रिय थे,जो स्लीपर सेल का काम करते है। रतलाम में भी कई स्थानों पर इस तरह के पोस्टर्स लगाए गए थे। चिंता का विषय यह है कि अभी भी शहर में कई स्थानों पर इस तरह के पोस्टर्स लगे हुए है। इन पोस्टर्स को किसने और क्यों लगाया? इसका पता पुलिस को तुरंत लगाना चाहिए था,लेकिन पुलिस ने इस विषय में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है।

रतलाम में अल सूफ्फा जैसे आतंकी संगठन पनपते रहे है। सिमी के आतंकी यहां पुलिस कर्मियों पर हमला कर उनकी हत्या भी कर चुके है। रतलाम में जेहादी तत्व लम्बे समय से सक्रिय रहे है। रतलाम में इतनी संवेदनशील स्थितियां होने के बावजूद पुलिस द्वारा विवादित पोस्टर लगाने वाले तत्वों की खोजबीन करने और इस पर रोक लगाने की कोई कार्यवाही अब तक नजर नहीं आई है। 

चौंकाने वाली बात यह है कि ये विवादित पोस्टर्स शहर के कुछ ऐसे इलाकों में भी देखें गए है,जहां इससे पहले कभी भी इस तरह के तत्व सक्रिय नहीं थे। देश में नए नए तरीकों के आतंकी माड्यूलों के पनपने की घटनाएं देखने को मिल रही है। ऐसी परिस्थिति में जरुरी है कि पुलिस अपने तौर तरीकों में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए शहर के अलग अलग इलाकों में सक्रिय हो रहे जेहादी तत्वों की पहचान करें और उनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करें वरना शहर को कभी भी आतंकी हमलों का सामना करना पड सकता है।