एसी कोच में बेटिकट बैठी मुस्लिम महिला की गुण्डागिर्दी के आगे बेबस हुआ रेलप्रशासन,आरपीएफ कर्मियों को धमकाती रही महिला,देखिए लाइव विडीयो
रतलाम,11 मई (इ खबरटुडे)। कुछ दिनों पहले सोशल मीडीया पर वायरल हुई एक मुस्लिम महिला की गुण्डागिर्दी का वाकया बीती रात भोपाल जयपुर इंटरसिटी 19712 में भी देखने को मिला। इस ट्रेन के एसी कोच में एक मुस्लिम महिला बिना टिकट सवार हुई और पूरे रास्ते टीसी और आरपीएफ कर्मियों को ना सिर्फ धमकाती रही बल्कि गालियां भी देती रही। आरपीएफ और पूरा रेल प्रशासन इस महिला की गुण्डागिर्दी के आगे बेबस नजर आया।
भोपाल से जयपुर के बीच चलने वाली भोपाल जयपुर इंटरसिटी एक्स 19712 के टीसी जीएस भाटी ट्रेन के यात्रियों की चेकिंग कर रहे थे। श्री भाटी ने मक्सी स्टेशन के आसपास ट्रेन के सेकण्ड एसी कोच ए-2 की बर्थ 49 पर बैठी एक मुस्लिम महिला से जब टिकट दिखाने को कहा तो उक्त महिला टीसी को धमकाने लगी। टीसी ने उक्त महिला से कहा कि अगर उसके पास टिकट नहीं है तो वह एसी कोच से उतर जाए। लेकिन महिला नहीं मानी। महिला जब टीसी से दादागिरी करने लगी तो टीसी ने ट्रेन में चल रहे आन ड्यूटी आरफीएफ कर्मियों को इस सम्बन्ध में मेमो दिया। आरपीएफ के पुलिस कर्मी जब उक्त महिला के पास पंहुचे तो वह महिला आरपीएफ वालों को भी गालियां देने लगी। नतीजा यह हुआ कि आरपीएफ वालों ने टीसी से मेमो लेने से ही इंकार कर दिया। आरपीएफ कर्मियों का कहना था कि उनके साथ महिला कान्स्टेबल नहीं है इसलिए वे उस महिला के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर सकते।
इसके बाद टीसी ने उज्जैन में आरपीएफ को उक्त महिला के सम्बन्ध में मेमो देने की कोशिश की तो उज्जैन के आरपीएफकर्मियों ने भी मेमो लेने से मना कर दिया। उक्त मुस्लिम महिला लगातार टीसी और आरपीएफ कर्मियों को धमकाती रही। टीसी ने उक्त पूरी घटना की जानकारी रेलवे कंट्रोल को भी दे दी। उक्त महिला द्वारा आरपीएफ और टीसी को धमकाने का विडीयो भी टीसी ने अपने मोबाइल में रेकार्ड कर लिया था,ताकि बाद में महिला कोई और आरोप ना लगा सके।
जब ट्रेन उज्जैन से आगे बढी तब कोच के अन्य यात्रियों ने उक्त महिला के सम्बन्ध में रेलवे सहायता 139 पर काल करके शिकायत दर्ज कराई। यात्रियों की शिकायत के बाद नागदा स्टेशन पर आरपीएफ की महिला कान्स्टेबल पंहुची,लेकिन उसने भी उक्त महिला को नहीं पकडा। कोच में सवार अन्य महिला यात्रियों ने उक्त महिला को जबर्दस्ती उतारा। यात्रियों के कहने पर आरपीएफ की महिला कान्स्टेबल ने उक्त महिला को पकडा लेकिन बिना कोई कार्यवाही किए उसे वहां से भगा दिया। जबकि सामान्यतया बिना टिकट यात्रियों से जुर्माना वसूल किया जाता है और यदि यात्री जुर्माना नहीं देता तो उसे जेल भेजने का भी प्रावधान है।
यात्रियों का कहना था कि इस तरह एसी कोच में किसी भी बिना टिकट यात्री के आ जाने से यात्रियों की सुरक्षा कैसे हो सकती है? यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ की होती है,लेकिन आरपीएफ कर्मी इस तरह डरने लगे तो यात्रियों की सुरक्षा का क्या होगा? रेलवे प्रशासन की रवैया भी ऐसे मामलों में सवालों के घेरे में है। आपराधिक चरित्र की कोई भी महिला अपने महिला होने का फायदा उठाकर रेलवे कोच में चोरी जैसी वारदातों को अंजाम दे सकती है।