Movie prime

 Raag Ratlami BJP Congress : फूल छाप और पंजा पार्टी दोनो में जवान हो रहे हैैं नेताओं के अरमान / फिर आया नजर-जेहादी जहालत का जहर

 
 

-तुषार कोठारी

रतलाम। बीता कुछ वक्त फूल छाप और पंजा पार्टी दोनों के नेताओं के लिए उम्मीदें लेकर आया है। ये कुछ ऐसा वक्त रहा है जिसमें फूल छाप और पंजा पार्टी दोनो के नेताओं के अरमान जवान हो रहे हैैं। इससे पहले दोनो पार्टियों में लम्बी खामोशी सी छाई हुई थी। लेकिन अब हालात बदले बदले से हैैं।

पहले बात पंजा पार्टी की। पंजा पार्टी के शहजादे ने संगठन सृजन के नाम का जो चूरण पंजा पार्टी वालों में बांटा था,उसका असर अभी बना हुआ है। शहर में पंजा पार्टी का मुखिया बनने के कई दावेदार सामने आ चुके है। शहजादे की घोषणा के मुताबिक  पंजा पार्टी का नया मुखिया चुनने के लिए पर्यवेक्षक भेजे गए।

पंजा पार्टी वालों को लगा कि अब सचमुच में पंजा पार्टी के दिन फिरने वाले है। पंजा पार्टी के कम से कम चार नेताओं ने अपने बायो डाटा पर्यवेक्षकों को भेंट किए ताकि हाईकमान उन्ही  के हाथों में पंजा पार्टी की बागडोर दे सके।

जो खुद को मुखिया मानते थे,उन्होने तो अपने बायोडाटा दे दिए थे। अब बारी थी मुखिया की टीम मेें जगह हासिल करने की चाहत रखने वालों की,तो वे सब भी नए नए सपने संजोने लगे। इस बात के गुणा भाग मेंं जुट गए कि किसके मुखिया बनने पर किसकी कितनी चलेगी? तो कुल मिलाकर पंजा पार्टी वालों के अरमान जवान होने लगे कि अब उनकी बारी आने वाली है।

दूसरी तरफ फूल छाप वालों की कहानी इससे कहीं ज्यादा उलझी हुई थी। फूल छाप ने अपने मुखिया को तो पहले ही जिम्मेदारी दे दी थी। इधर नए मुखिया को अपनी नई टीम बनाना थी,लेकिन टीम बनाने का काम इसलिए अटका पडा था कि सूबे के मुखिया का नाम तय नहीं हुआ था। जब भी कोई जिले के मुखिया से पूछता कि नई टीम कब बनाओगे? उनका एक  ही जवाब होता कि जैसे ही सूबे को नया मुखिया मिलेगा,नई टीम बना दी जाएगी। 

पिछले हफ्ते फूल छाप वालों ने सूबे के नए मुखिया के नाम का एलान कर दिया। सूबे के नए मुखिया ने फौरन काम काज भी सम्हाल लिया। जैसे ही ये सबकुछ हुआ,फूल छाप के नेताओं के अरमान जवान होने लगे। कोई महामंत्री पद हासिल करना चाहता है,तो कोइ मंत्री बनने को लालायित है। कोई चाहता है कि चाहे जैसे भी हो नई टीम में कहीं ना कहीं तो जगह मिल जाए।

इसी का नतीजा है कि अब फूल छाप वालों की दौड भाग तेज हो गई है। तमाम नेता अपने अपने आकाओं को साधने में लगे है ताकि उनके आका अपने पट्ठे के लिए कोई जगह तय करवा दे। इस तरह फूल छाप पार्टी में भी हलचल कुछ ज्यादा ही नजर आने लगी है।

हांलाकि फूल छाप के जिले के मुखिया चुप्पी साधे बैठे है। वे किसी को हवा तक नहीं लगने दे रहे है कि किस को क्या मिलेगा? लेकिन दुनिया उम्मीद पर कायम है। उम्मीद है तो सबकुछ है और फूल छाप पार्टी वाले इसी उम्मीद के सहारे बैठे है।

दोनो ही पार्टी वालों का इंतजार कब खत्म होगा,कोई नहीं जानता। उम्मीद है कि अगले एक दो हफ्तों मेंं कुछ की उम्मीदें पूरी हो जाएगी और कुछ नाउम्मीदी के सायों में घिर जाएंगे। 

फिर आया नजर-जेहादी जहालत का जहर

जिले में जगह जगह फैल रहा जेहादी जहालत का जहर एक बार फिर नजर आया। इस बार ये जहर सैलाना में नजर आया,जब जेहादी जाहिलों ने अपने मातमी जुलूस में भगवा बैनर जलाने की कोशिश की। 

मातमी जुलूस के दौरान की गई इस जेहादी हरकत का विडीयो सोशल मीडीया पर वायरल हुआ और हिन्दू समाज के लोग आक्रोशित होने लगे। तडके तक तो मातमी जुलूस ही चल रहा था। सुबह बाजार खुलने तक विडीयो वायरल हो गया और सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन चालू हो गया। बाजार पूरी तरह खुलने से पहले ही बन्द कर दिए गए।

ये तो अच्छा हुआ कि वर्दी वालों ने इस मामलों में फौरन अपनी क्षमता दिखाई और जेहादी जहालत करने वालों को तुरन्त दबोच लिया। जेहादी जाहिलों की मरम्मत करने के बाद इनका जुलूस भी निकाला गया और इस तरह मामला शान्त हो पाया।

अब सवाल ये है कि जेहादी जहालत का ये जहर कहां कहां तक फैला है। रतलाम में तो जेहादी आतंक फैलाने के ही मंसूबे बांध रहे थे। सैलाना जैसे छोटे कस्बे में इस तरह का जहर नजर आने का मतलब साफ है कि ये जेहादी जहर अब छोटे छोटे गांवों तक भी पंहुच रहा है। वर्दी वालों को इस मामले में बेहद सतर्क हो जाना चाहिए वरना ये जेहादी जाहिल किसी भी वक्त पूरे इलाके की शांति को बरबाद कर सकते है।

फैलता जा रहा है नशे का कारोबार

किसी जमाने में अफीम की खेती और अफीम से बनने वाले नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए चर्चित रतलाम में अब एमडीएमए जैसे सिंथेटिक ड्रग का कारोबार फल फूल रहा है। वर्दी वाले इसके खिलाफ लगातार अभियान चला रहे है और हर दिन कोई ना कोई नशे का कारोबारी वर्दी वालों की गिरफ्त में आ रहा है,लेकिन इसके बावजूद नशे का कारोबार फलता फूलता जा रहा है।

शहरी इलाकों की ये लत अब गांवों तक जा पंहुची है। गावों के युवा भी इसकी गिरफ्त में आ रहे है। वर्दी वाले पकड धकड तो कर रहे है,लेकिन लगता है कि बडी मछलियां अभी भी गिरफ्त से बाहर है। जरुरत इस बात की है कि एमडी का कारोबार फैलाने वाली बडी मछलियों को दबोचा जाए,तभी इसे असरदार ढंग से रोका जा सकेगा।