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निजी जमीन,शासकीय घोषित करने के मामले में रतलाम कलेक्टर के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की याचिका प्रस्तुत,कलेक्टर को नोटिस जारी

 
 

रतलाम,20 जून (इ खबरटुडे)। शहर के अमृत सागर उद्यान के समीप की एक निजी भूमि शासकीय विभागों को आवंटित किए जाने के मामले में जमीन मालिक द्वारा न्यायालय में रतलाम कलेक्टर के खिलाफ अवमानना का वाद दायर किया गया है। न्यायालय ने प्रकरण को सुनवाई में लेते हुए कलेक्टर को नोटिस जारी किया है।

प्रकरण में भूमिस्वामी के अभिभाषक विस्मय अशोक चत्तर ने बताया कि अमृत सागर तालाब के सामने की ओर उनकी पक्षकारा श्रीमती फातिमा बाई पति कुतुबुद्दीन पिपलौदा वाला के स्वामित्व की भूमि सर्वे न.624 की है,जिसका रकबा 8 बीघा 2 बिस्वा है। उक्त भूमि पर पूर्व में भी नगर निगम द्वारा बिना अधिकार के पेयजल टंकी का निर्माण किया जा रहा था। उक्त भूमि के मामले में न्यायालय द्वारा 9 जुलाई 1997 को स्पष्ट आदेश जारी किए गए थे कि  कलेक्टर रतलाम उक्त भूमि पर भूमि स्वामी को कब्जा करने से नहीं रोकेंगे और ना ही भूमि स्वामी का अधिपत्य हटाएंगे। न्यायालय का यह आदेश मध्यप्रदेश शासन के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी बन्धनकारी रहेगा।

कलेक्टर रतलाम को न्यायालय के इस आदेश की जानकारी होने के बावजूद कलेक्टर रतलाम ने उक्त सर्वे न.624 की भूमि पुलिस विभाग को भवन निर्माण करने के लिए आवंटित कर दी। भूमि स्वामी को अपनी जमीन पुलिस विभाग को आवंटित किए जाने की जानकारी चालू वर्ष के खाते खसरे से मिली,जिसमें उक्त भूमि पुलिस विभाग के नाम दर्ज दिखाई जा रही है।

इस तथ्य की जानकारी मिलते ही भूमि स्वामी ने अपने अभिभाषक विस्मय चत्तर के माध्यम से जिला न्यायालय के चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड जीतेन्द्र रावत के न्यायालय में रतलाम कलेक्टर के विरुद्ध अवमानना का वाद प्रस्तुत किया,जिसे न्यायालय द्वारा सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए कलेक्टर रतलाम को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने कलेक्टर रतलाम को 7 जुलाई को उपस्थित होकर जवाब देने हेतु निर्देशित किया है।

भूमि स्वामी के अभिभाषक विस्मय चत्तर ने कहा कि कलेक्टर एक प्रशासनिक अधिकारी है और न्यायालय के आदेश की पालना करना कलेक्टर की नैतिक जिम्मेदारी है। निजी भूमि को शासकीय करने का तथ्य जानकारी में आने पर कलेक्टर को स्वयं ही उक्त भूमि के खसरे खाते में भूमि स्वामी का नाम दर्ज करवाना चाहिए।