इसरथूनी में बन्दरों का आतंक,एक हफ्ते में दर्जनों लोगों पर हमला,कई लोग घायल
रतलाम,03 सितम्बर (इ खबरटुडे)। बारिश के दिनों में झरने के लिए प्रसिद्ध समीपस्थ ग्र्राम इसरथूनी में इन दिनों बन्दरों ने आतंक मचा रखा है। गांव में आए बन्दरों के एक दल ने पिछले करीब एक हफ्ते में बारह से अधिक लोगों पर हमला कर उन्हे घायल कर दिया है। बुधवार (आज) को बन्दरों नें दो लोगों को अपना शिकार बनाया। घायलों को मेडीकल कालेज में भर्ती कराया गया है।
इसरथूनी निवासी राजेश धाकड ने बताया कि बन्दरों ने पिछले करीब एक सप्ताह से गांव में आतंक मचा रखा है। बन्दरों ने हमला करके दस बारह व्यक्तियों को घायल कर दिया है। बन्दरों के हमले की शुरुआत 24 अगस्त से हुई जब उन्होने अपने घर से बाहर खेल रहे एक ढाई साल के नन्हे बच्चे अथर्व मण्डलोई को अपना शिकार बनाया। बन्दरों ने अथर्व पर हमला कर उसे घायल कर दिया। इसके बाद तो बन्दरों के हमलों में घायल होने वालो की लम्बी लाइन बन गई।
बन्दरों ने चौदह वर्षीय गुंजन शर्मा की पीठ पर काटा। फिर हार्दिक डाबी नामक बालक के घुटने के पिछले हिस्से पर काटा। इसके बाद अभिषेक पिता शंकर खराडी नामक बालक को भी बन्दरों ने अपना शिकार बनाया और उसके पैर पर काट लिया। इसरथूनी के ग्र्रामीणों ने बन्दरों के हमले की सूचना वन विभाग के अधिकारियों तक भी पंहुचाई,लेकिन वन विभाग की ओर से अब तक इस शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
गांव वालों का कहना है कि गांव के लोगों के लिए बन्दर आतंक का पर्याय बन गए है। ये बन्दर,घर के बाहर बैठे लोगों पर हमला कर देते है,खेत पर आने जाने के दौरान भी कई किसानों पर बन्दर हमला कर चुके है।
आज भी बन्दरों ने दो लोगों पर हमला कर दिया। गांव के पचास वर्षीय किसान भागीरथ पिता कैलाश धाकड पर बन्दरों ने हमला कर उन्हे घायल कर दिया। इसके अलावा तेजराम धाकड पर भी बन्दरों ने हमला किया है। दोनो ही घायलों को उपचार के लिए मेडीकल कालेज में भर्ती कराया गया है।
दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसरथूनी में बन्दरों के हमलों की जानकारी मिलते ही विभाग ने बन्दरों को पकडने के प्रयास प्रारंभ कर दिए है। वन विभाग के एसडीओ एसआर नरगेश ने बताया कि बन्दरों को पकडने के लिए गांव के बाहर पिंजरा लगाया गया है और वहां कर्मचारी भी तैनात किए गए है। उन्होने बताया कि पिंजरे में दूसरे बन्दर तो पकडा गए,लेकिन हमला करने वाला बन्दर अब तक पिंजरे में नहीं फंसा है।
श्री नरगेश के मुताबिक हमला करने वाले बन्दर को पकडने के लिए ट्रांक्यूलाइजर गन का उपयोग करने की योजना भी बनाई गई है। विभाग ने ट्रांक्यूलाइजर गन मंगवाने के लि पत्र भी लिखा है,लेकिन समस्या यह है कि पूरे उज्जैन रेंज में ट्रांक्यूलाइजर गन चलाने के प्रशिक्षित अधिकारी एक ही है। उन्हे जल्दी से जल्दी रतलाम लाने की कोशिश की जा रही है,ताकि हमला करने वाले बन्दर को तुरंत पकडा जा सके।