सात दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन हुआ प्रभु श्रीराम का प्राकट्य
रतलाम,15 जुलाई (इ खबर टुडे) । श्री हरि कथा योजना एवं वनवासी ट्रस्ट के निर्देशन में श्री राम कथा समिति रतलाम द्वारा श्री कालिका माता मंदिर हॉल, रतलाम में आयोजित सात दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन मंगलवार को प्रभु श्रीराम का प्राकट्य हुआ । एकल अभियान एवं श्री हरि कथा आयोजन समिति रतलाम के सचिव अनिल पोरवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री राम कथा का वाचन कथा वाचक सुश्री गीता कुमारी जी (वनवासी कथा वाचक) द्वारा किया गया।
आज पोथी पूजन में सुल्तान चंद शेखावत, राजपूत समाज महिला, सरस्वती शिशु मंदिर समिति काटजू नगर एवं अमृत सागर, भाजपा अंबेडकर मंडल, क्षत्रिय मारवाड़ी माली समाज, मालवीय रजक समाज, कायस्थ समाज और बलाई समाज, परस्पर सामाजिक संस्था निमिष व्यास, तुषार कोठारी द्वारा पोथी पूजन किया गया।
तृतीय दिवस की श्री राम कथा में सुश्री गीता किशोरी कहती है भक्ति भजन ,पूजा पाठ,तीर्थ बुढ़ापा में नहीं बल्कि जवानी में ही कर लेना चाहिये।न जाने व्यक्ति का कब अंत हो जाय। धन अर्जन करना ठीक है परन्तु धन के साथ साथ भगवत भजन,भक्ति दान दया आदि को भी करते जाना ही मानव जीवन है।
राज जन्म प्रसंग गायन में कहती है कि
"जब जब होई धरम की हानि।
बाढहिं असुर अधम अभिमानी॥
करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी।
सज्जन बिकल करहिं बिप्र धरनी॥"
जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ़ता है, अभिमानी और नीच असुर बढ़ने लगते हैं। वे ऐसी अनीतियाँ करते हैं जो वर्णन नहीं की जा सकतीं, सज्जन लोग व्याकुल हो जाते हैं और ब्राह्मणों सहित धरती व्यथित होती है।" तब तब प्रभु धरा धाम पर अवतरित होते है।धर्म की रक्षा और अधर्म के विनाश के लिए ही प्रभु अवतार लेते है।असुर के अत्याचार से धरती माता गौ का रूप धारण कर प्रभु के पास प्रार्थना करने जाती है। प्रभु आज मृत्युलोक संकट में है आओ उद्धार करो।
वर्तमान समय प्रति दिन अनगिनत गौ हत्या हो रही हैइसका दोषी कोई दूसरा नहीं बल्कि हम सभी है। जब तक गौ माता दूध देती है तब तक पालन पोषण करते है और बूढ़े होने पर बेच देते कदापि नहीं बेचनी चाहिए।हम सभी का मां हमें जन्म देती है दूध पिलाती है मात्र तीन चार वर्ष।गौ माता तो आजीवन दूध पिलाती है।हम अपनी को मां को बुढ़ापे में सेवा करते है बेचते नहीं।तो गौ माता को क्यों बेचना।गौ माता में 33 कोटि देवता का निवास है।इस गोपाल के भूमि पर गौ हत्या से हृदय कांप उठता है।
जब गौ माता बिकेगी नहीं
तो कटेगी कैसे
अतः हम सभी गौ रक्षक बने गौ भक्षक नहीं।
आज के समय में हम अपने बच्चों को राम जैसा संस्कार दे न कि रावण जैसा। इसके लिए बच्चों को भी मंदिर,कथा ,भागवत भजन में लाना अनिवार्य है।संस्कार नहीं तो सनातन नहीं।
आज राम जन्म बधाईयां भजन में सभी श्रोता बंधु मस्ती में झूम उठे।ऐसा लग रहा था मानो रतलाम ही अयोध्या धाम है। और संगीत में वातावरण सुरभित होने लगा जिसमें भगवान श्री राम का प्रादुर्भाव हुआ तथा महिलाओं और पुरुषों ने जमकर नृत्य किया।
जिसमें समिति के विनोद मूणत, मनोहर पोरवाल,गोविंद मालपानी गोविंद मालपानी बाल कृष्ण माहेश्वरी, रवि पवार,मुन्नालाल शर्मा,अनिल पुरोहित, अनिल पोरवाल राकेश नागर, रजनीश गोयल,भूपेंद्र जायसवाल, मांगीलाल खराड़ी, श्रीमती हेमलता मालपानी, अर्चना अग्रवाल, उमा राठी,संतोष काकाणी सहित अंचल जिला एकल विद्यालय समिति पदाधिकारी, सदस्य, श्री राम कथा आयोजन समिति व महिला समिति सहित कथा श्रावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
चतुर्थ दिवस की कथा का समय दोपहर 3:00 बजे से 6:00 बजे तक रहेगा। जिसमें भगवान श्री राम और माता जानकी का विवाह संपन्न होगा।
कथा के अंत में आरती की गई आरती में सर्व ब्राह्मण सभा, नरेंद्र जोशी व सुनीता पाठक सहित टीम, ललित पालीवाल भारतीय किसान संघ, पूर्व पार्षद राकेश मीणा, प्रवीण सोनी, पूर्व पार्षद सुरेश पापटवाल, महेश डोडियार तथा कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया।