Soybean Crop: रतलाम जिले में लगातार बारिश से खेत बने तालाब, सोयाबीन की 80 फीसदी फसल चौपट, अब तक सर्वे शुरू नहीं
Ratlam News: रतलाम जिले में लगातार जारी बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेत तालाब बन गए हैं और सोयाबीन की फसल बर्बाद हो रही है। ईसरथुनी, पलसोड़ा और धाँसवास समेत कई गांवों में 70 से 80 फीसदी तक फसल खराब हो गई है। किसानों की तीन महीने की मेहनत परत पानी फिर गया है, लेकिन कृषि विभाग की ओर से अब तक सर्वे शुरू नहीं किया गया है। कृषि विभाग में किसान कॉल कर रहे तो जवाब मिल रहा है कि तीन दिन बाद आएंगे। इससे किसानों में आक्रोश है। जिले में 2.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी हुई है। भारी बारिश के कारण फसल बर्बाद होने से किसानों की हालत खराब है।
नाम का किसान कल्याण विभाग भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष ललित पालीवाल ने कहा कि कृषि विभाग का नाम कृषि एवं किसान कल्याण विभाग है, लेकिन किसानों का कल्याण नहीं हो रहा। पिछले साल खरीफ फसल बीमा की राशि किसानों को मात्र 100 से 200 रुपए प्रति बीघा के हिसाब से मिली। अब जब खेत तालाब बन गए हैं और फसलें नष्ट हो रही हैं, तो कई गांवों में सर्वे तक शुरू नहीं किया गया है।
भारी बारिश के कारण इन गांवों में नुकसान
बिंजाखेड़ी, शिवपुर, लुनेरा, रामपुरिया, ईटावाखुर्द, बड़ोदिया, नगरा, बंजली, करमदी, धामनोद, सेजावता और अमलेटा सहित कई अन्य गांवों में भी फसलें चौपट हो गई हैं। राजस्व विभाग के आदेश पर शुक्रू करेंगे सर्वे-कृषि विभाग की उपसंचालक नीलम चौहान ने बताया कि अभी सर्वे शुरू नहीं किया है। राजस्व विभाग के आदेश पर सर्वे शुरू किया जाएगा।
सर्वे के लिए टोल फ्री नंबर पर करें कॉल
यदि किसानों ने फसल का बीमा कराया है तो सर्वे के लिए टोल फ्री नंबर 14447 पर कॉल कर सकते हैं ताकि बीमा कंपनी के कर्मचारी खेतों में पहुंच सर्वे शुरू कर सकें। किसान मोबाइल पर प्ले स्टोर से क्रॉप इंश्योरेंस एप अपलोड कर इस पर भी शिकायत कर सकते हैं। इसके बाद सर्वे के आधार पर किसानों को मुआवजा मिलेगा।
जिले के ईसरथुनी में 70 फीसदी फसल खराब, सर्वे करने की मांग
रतलाम जिले के ईसरथुनी में बारिश से खेतों में पानी भर गया है। इससे सोयाबीन की जड़ें सड़ गई और लगभग 70 फीसदी फसल चौपट हो गई। किसान भरतलाल धाकड़ ने बताया कि उन्होंने 25 बीघा में सोयाबीन बोई थी, लेकिन भारी बारिश से फसल नष्ट हो गई। यही स्थिति किसान बालमुकंद धाकड़, समरथ धाकड़ और दिलीप सिंह राठौर की है। खेतों में पानी जमा होने से फसल पीली पड़ गई और खराब हो गई।
पलसोड़ा गांव में सबसे ज्यादा नुकसान, 80 फीसदी फसल चौपट
जिले के पलसोड़ा में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। एक सप्ताह में गांव दो बार जलमग्न हुआ। इससे 80 फीसदी सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई। उप सरपंच श्याम व्यास ने बताया कि कृषि विभाग को फोन करने पर जवाब मिला कि अधिकारी सोमवार या मंगलवार को आएंगे। किसान करणसिंह आंजना ने बताया कि 12 बीबा में सोयाबीन बोई थी, लेकिन बारिश ने पूरी फसल बर्बाद कर दी। प्रहलाद आंजना, देवीलाल आंजना, दशरथ लाल राठौड़, जीतू पटेल, लाला बापू और निर्भयसिंह पटेल की फसल भी पूरी तरह से खराब हो चुकी है। किसानों ने कहा कि पिछले साल भी नुकसान हुआ था, लेकिन मात्र 200 रुपए प्रति बीघा का मुआवजा मिला था।
धाँसवास में खेतों से पानी निकालते हैं, फिर जाता है वापस भर
धौंसवास और आसपास के खेतों में भी पानी भरा है। किसान चंद्रशेखर पाटीदार ने बताया कि सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसान पानी की निकासी की कोशिश करते हैं लेकिन लगातार बारिश से खेत दोबारा भर जाते हैं। सत्यनारायण कोठारी ने कहा कि लगातार बारिश से 70 फीसदी फसल नष्ट हो गई है, कृषि विभाग खेतों तक पहुंचने की फुर्सत नहीं निकाल पा रहा।