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रतलाम / फर्जी कंपनी बनाकर दस लाख से ज्यादा की धोखाधडी,दो महीने से जारी है पुलिस की जांच,लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं

 
 

रतलाम,06 जून (इ खबरटुडे)। शहर के समता नगर निवासी पिता पुत्र की जोडी द्वारा एक फर्जी कम्पनी बनाकर लोगों को तगडी लाभांश देने का लालच देकर कई लोगों से दस लाख रु. से ज्यादा राशि डहडपने का मामला सामने आया है। धोखाधडी के शिकार बने लोगों द्वारा की गई शिकायत पर पुलिस पिछले दो महीने से जांच कर रही है,लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक समता नगर आनन्द कालोनी निवासी अनीस पिता बाबू खान और उसके पुत्र फैजल खान ने आनन्द ट्रेडिंग कम्पनी नामक एक फर्जी कम्पनी बनाकर अपने कई परिचितों को इस कम्पनी में निवेश करने को कहा। अनीस खान और फैजल खान ने इन लोगों से कहा कि उनके निवेश पर उन्हे तगडा लाभांश मिलेगा। 

अनीस खान और उसके पुत्र द्वारा अच्छा आर्थिक लाभ दिलाने जाने से प्रभावित होकर गजेन्द्र सिंह भाटी,विजय पंवार,राजू उपाध्याय,विष्णु दास बैरागी और नीमाकुंवर पति रघुवीर सिंह आदि लोगों ने अनीस खान की कम्पनी आनन्द ट्रेडिंग कम्पनी में दस लाख रु. से अधिक राशि का निवेश कर दिया।

इनमें से शांतिनिकेतन कालोनी निवासी गजेन्द्र सिंह भाटी ने कुल 4 लाख 64 हजार,विजय ने 22 हजार रु.राजू उपाध्याय ने एक लाख रु.,विष्णु दास ने 99 हजार रु.और नीमाकुंवर ने 40 हजार रु.अनीस खान की आनन्द ट्रेडिंग कम्पनी में निवेश किए थे। इन सभी निवेशकों ने अपनी राशि उक्त आनन्द ट्रेडिंग कम्पनी के बैैंक खाते में आनलाइन ट्रांसफर किए थे।

दस लाख रु. से अधिक की राशि अनीस खान की कम्पनी आनन्द ट्रेडिंग कम्पनी में निवेश करने के बाद इन सभी निवेशकों को उम्मीद थी कि उन्हे कम्पनी से अच्छा लाभांश प्राप्त होगा,लेकिन कम्पनी के संचालकों अनीस खान और उसके पुत्र फैजल खान ने ना तो कोई लाभांश दिया और ना ही निवेश की गई मूल राशि लौटाने को तैयार हुए। 

निवेशकों ने जब कम्पनी संचालकों से लाभांश राशि की मांग की तो अनीस खान और फैजल खान का कहना था कि उन्हे और राशि निवेश करना होगी,तब उन्हे लाभांश दिया जाएगा। जब निवेशकों ने और अधिक राशि निवेश करने से इंकार किया तब कम्पनी संचालकों अनीस खान और फैजल खान ने उन्हे  लाभांश और निवेश की गई मूल राशि लौटाने के लिए कुछ समय देने की मांग की।

निवेशकों ने वर्ष 2025 की शुरुआत तक इस कम्पनी में राशि ट्रांसफर की थी। लेकिन बाद में कम्पनी संचालकों की नीयत पर शक होने से उन्होने निवेश करना तो बन्द कर ही दिया,साथ ही उन्होने कम्पनी संचालकों से अपनी निवेश की गई राशि लौटाने के लिए दबाव बनाना भी शुरु कर दिया। करीब एक महीने तक तो उक्त दोनो व्यक्ति रुपए लौटाने में टालमटोल करते रहे और फिर अचानक गायब हो गए।

कम्पनी संचालकों के गायब होने पर जब निवेशकों ने अपने स्तर पर जानकारी एकत्र की तो उन्हे पता चला कि उक्त कम्पनी पूरी तरह से फर्जी कम्पनी थी। निवेशकों को सबसे पहले अनीस खान ने अपने पुत्र फैजल खान से यह कहकर मिलवाया था कि फैजल खान आनन्द ट्रेडिंग कम्पनी का मैनेजर है। निवेशकों को यह बताया गया था कि यह कम्पनी किसी और की है और फैजल खान इस कम्पनी का मैनेजर है।

लेकिन बाद में निवेशकों को पता चला कि असल में फैजल खान ही कम्पनी का संचालक है। कम्पनी का रजिस्ट्रेशन फैजल खान के द्वारा ही करवाया गया था और लोगों से रुपए एंठने के लिए उसके द्वारा यह कहा जाता था कि वह कम्पनी में मैनेजर है। हिन्दू नाम की कम्पनी बनाने से उन्हे लोगों से राशि प्राप्त करने में आसानी होती थी।

फिलहाल पांच निवेशकों से दस लाख रुपए हडपने के बाद पिता पुत्र दोनो गायब है। दोनो ही अपने समता नगर आनन्द कालोनी निवास से गायब हो चुके है। कम्पनी में रुपए लगाने वाले निवेशक अपनी राशि लेने के लिए उनके घर पंहुचते है,तो पता चलता है कि उनका कही अता पता नहीं है।

ठगी का शिकार बने इन लोगों ने आखिरकार पुलिस के पास जाने का मन बनाया और धोखाधडी की लिखित शिकायत करीब दो महीने पहले पुलिस अधीक्षक को की। अपनी शिकायत में सभी निवेशकों ने उक्त फर्जी कम्पनी में ट्रांसफर किए गए रुपयों की विस्तृत जानकारी भी प्रस्तुत की। पुलिस अधीक्षक ने उक्त शिकायत जांच के लिए दीनदयाल नगर पुलिस थाने को भेज दी। पिछले दो महीनों से दीनदयाल नगर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

निवेशकों का कहना है कि दीनदयाल नगर पुलिस ने मामले की जांच के लिए सभी शिकायतकर्ताओं के बयान लिए है। साथ ही उनके द्वारा कम्पनी को दिए गए रुपए की जानकारी भी ले ली है। जांच पूरी हो चुकी है,लेकिन पुलिस धोखाधडी करने वालों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनकी खोजबीन करने को तैयार नहीं है।

शासन ने इस तरह की धोखाधडी से लोगों को बचाने के लिए अनियमित जमा योजना प्रतिबन्ध अधिनियम 2019 जैसे कठोर कानून बनाए है,लेकिन दीनदयाल नगर पुलिस मामले की जांच में आगे कोई कार्यवाही करने को राजी नहीं है। शिकायतकर्ताओँ को जांच जारी है कहकर टरका दिया जाता है। 

उल्लेखनीय है कि जिले की जावरा पुलिस ने हाल ही में एक भाजपा नेता के खिलाफ अनियमित जमा योजना प्रतिबन्ध अधिनियम के तहत प्रकरण भी दर्ज किया है,लेकिन रतलाम में इसी तरह की धोखाधडी होने पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।