Ratlam News: 5 साल में 9 गौशालाओं का निर्माण, लेकिन सड़कों पर गायें भटक रही
Ratlam News: 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गौवंशों के संरक्षण के लिए गौशालाओं का ऐलान किया था और प्रदेश में गौशाला निर्माण की शुरुआत की थी। इसके बाद उनकी सरकार गिर गई, लेकिन 2 साल में ही ब्लॉक में 9 गौशालाएं स्वीकृत हो गईं। 5 साल में सभी गौशालाएं बन गईं, लेकिन उनमें से सिर्फ खोजनखेड़ा की गौशाला सहित 5 ही चालू हो पाई।
बाकी 4 गौशालाएं हैंडओवर नहीं होने के कारण बंद पड़ी हैं। गौशाला के नाम पर सिर्फ ढांचे खड़े हैं, और अब इनकी दीवारों में दरारें और रंग उड़ने लगे हैं। नतीजा यह है कि गौवंश अब भी सड़कों पर भटक रहे हैं। जो प्राइवेट गौशालाएं हैं, वहां क्षमता से अधिक गायें रखी जा रही हैं। यदि बाकी गौशालाएं चालू हो जाएं, तो उनका लोड कम होगा और व्यवस्था सुधर सकती है। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने हर पंचायत में गौशाला बनाने का वादा किया था, और 1000 गौशालाएं बनाने का लक्ष्य रखा था।
शुरुआत में जो गौशालाएं स्वीकृत हुईं, उनका काम पूरा हो गया, लेकिन बाद में सरकार गिरने से काम रुक गया।ब्लॉक में बनी 9 गौशालाओं में से 8 की क्षमता 100 गौवंशों के बराबर है, यानी 800 गायें यहां रखी जा सकती हैं, लेकिन फिर भी गौवंश सड़कों पर भटक रहे हैं। प्रत्येक गौशाला में 30 से 35 लाख रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन अभी तक ये पूरी तरह से चालू नहीं हो पाई हैं। जनपद सीईओ बलवंत नलवाया ने बताया कि गौशालाओं के हैंडओवर की स्थिति जांची जाएगी और यदि कोई कमी होगी, तो इसे ठीक किया जाएगा।