रतलाम, 05 दिसंबर (इ खबर टुडे)। रतलाम के महिला बाल विकास विभाग द्वारा ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘ योजना के अंतर्गत राँयल इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एन्ड एडवांस्ड स्टडीज, रतलाम के विद्यार्थियों के साथ संवाद किया गया। इस कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, ममता (यूनिसेफ समर्थित) के सुनील सेन द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान अंतर्गत बाल विवाह पर उन्मुखीकरण किया गया है तथा बाल विवाह होने पर मिलने वाली सजा के संदर्भ में विद्यार्थियों को जानकारी दी।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम पर चर्चा करते हुए बताया कि बाल विवाह समाज में फैला हुआ ऐसा अपराध है, जो बालिकाओं और बालकों के जीवन में विकास को अवरूद्ध करता है, उनके शैक्षणिक, मानसिक और शारीरिक विकास मे बाल विवाह रोड़ा बनते है, और उनके बाल अधिकारों का हनन करते है। बाल विवाह मे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने वाले सभी लोगो को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत सजा का प्रावधान है।
वन स्टाप सेन्टर, रतलाम की काउन्सलर सुश्री रिया गुर्जर ने वन स्टाप सेन्टर के कार्यो, महिला हिंसा एवं मानसिक स्वास्थ्य के बारे मे जानकारी प्रदान की। साथ ही यह बताया कि, किशोरों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को समझना और उसका उचित समाधान करना आवश्यक है। उन्होनें बाल विवाह में होने वाली घरेलू हिंसा, मानसीक उत्प्रीड़न से ग्रसित महिलाओं की जानकारी या शिकायत हेतु हेल्प लाईन नम्बर 181 दिया।
इस जागरूकता कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डाॅ. अमित शर्मा, प्रो. कपिल केरोल, प्रो. यक्षेन्द्र हरोड़, प्रो. मृदुला उपाध्याय, प्रो. अल्का उपाध्याय, प्रो. मिताली पुरोहित, प्रो. गरिमा मिश्रा, प्रो. निर्मल जाधव, प्रो. संजय धाकड़ तथा विद्यार्थीगण उपस्थित रहें।

