Ratlam News: अंगूर और अमरूद के बाद अब डॉक्टरी क्षेत्र में भी पहचान बना रहा मथुरी
Ratlam News: मथुरी पंचायत के लोग यह साबित करते हैं कि प्रतिभाएं सुविधाओं की मोहताज नहीं होतीं। यहां कक्षा 5 तक पढ़ाई की सुविधा है, और उसके बाद 6 से 8वीं की पढ़ाई के लिए हरथली जाना पड़ता है। इसके बाद रतलाम शहर में 6 किलोमीटर दूर जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती है। इसके बावजूद मथुरी के लोग अपनी शिक्षा को रोकने नहीं देते। कई लोग सरकारी नौकरी में हैं और करीब 12 छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। गांव से एक आईईएस अधिकारी जय प्रकाश पाटीदार भी हैं, जो जबलपुर में सेवा दे रहे हैं।
मथुरी में 1990 से अंगूर की खेती शुरू हुई, और 2010 तक यह सफलतापूर्वक चलती रही। फिर गांव वालों ने अमरूद की खेती शुरू की, जो अब आय का मुख्य स्रोत बन गई है। इसके अलावा, सूरजमल डेम और ट्यूबवेल से सिंचाई की सुविधा है, जिससे लोगों को रोजगार भी मिला है।
गांव में 85 साल पुराना राम मंदिर है, जहां दीपावली के बाद पडवी के दिन पूरा गांव इकट्ठा होता है और पंडित जी भविष्यवाणी करते हैं। मथुरी में छुआछूत और भेदभाव नहीं है, सभी लोग एक-दूसरे के कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। 2022 में हरथली से अलग होकर मथुरी ग्राम पंचायत बनी, लेकिन बाद में विकास कार्यों में कमी आई है।