Indian Railway: रतलाम से नीमच के बिच 71 किमी का डबल ट्रैक हुआ शुरू, अब नहीं होगी क्रॉसिंग में ट्रेने लेट
Ratlam Railway Mandal:
रतलाम जिले की रेलवे यात्रियों के लिए गुड न्यूज़ सामने आई है।
144 साल बाद यह पहला मौका था जब जावरा में डबल ट्रैक पर सवारी कोच के साथ कोई ट्रेन निकली है। दरअसल अंग्रेजी शासनकाल में 1875 से 1880 के बीच दिल्ली को दक्षिण से जोड़ने के लिए मीटरगेज लाइन बिछी। ये लाइन जयपुर, अजमेर, चित्तौड़गढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, खंडवा, अकोला होकर हैदराबाद तक थी। इस पर 144 साल पहले 1881 में पहली यात्री गाड़ी भाप इंजन से चली। फिर 2006-07 में इस लाइन को ब्रॉडगेज में बदला। 17 जून 2007 को बड़ी लाइन पर पहली ट्रेन चली।
1 मार्च 2020 को चली थी पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन
रतलाम-नीमच रेलवे मार्ग पर 2018-19 में ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ और उसके बाद 1 मार्च 2020 को पहली इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन शुरू हुई। तब तक यह सिंगल ट्रैक था और अब डबल ट्रैक पर पहली बार सवारी कोच के साथ स्पेशल ट्रेन दौड़ने का 31 मई का नया कीर्तिमान है। शनिवार को भी ट्रायल रन से पहले सीआरएस श्रीनिवास के साथ निर्माण मुख्य प्रशासनिक अधिकारी विनीत गुप्ता एवं डीआरएम अश्विनी कुमार समेत पूरी टीम ने जावरा से बड़ायला तक पूरे ट्रैक, सिग्नल और क्रॉस ओवर समेत सभी नए ब्रिज का निरीक्षण किया।
अब क्रॉसिंग में लेट नहीं होंगी ट्रेनें, 53% दोहरीकरण काम हुआ पूरा
रतलाम से नीमच के बीच 132 किमी रेल लाइन दोहरीकरण चल रहा है। धौंसवास से बढ़ायला 21 किमी और नीमच से मल्हारगढ़ 25 किमी ट्रैक पहले चालू हो गया था। बड़ायला से ढोढर 25 किमी ट्रैक शनिवार को रन थ्रू हो गया। इसे मिलाकर 71 किमी डबल ट्रैक चालू हो चुका है। यानी 53 फीसदी काम कम्पलीट हो गया। तकनीकी अधिकारियों के अनुसार अब बचे 61 किमी में से ढोढर-दलौदा 20 किमी डबल ट्रैक भी जून अंत तक चालू करने का लक्ष्य है। रतलाम से धौंसवास 2 किमी ट्रैक चालू होने में समय लगेगा क्योंकि रतलाम जंक्शन पर बड़ा यार्ड है जिसे तैयार होने में समय लगेगा। हालांकि दलौदा से मंदसौर 15 किमी और मंदसौर से मल्हारगढ़ 24 किमी डबल ट्रैक चालू होने में भी कुछ महीने लगेंगे।