मृत्यु के बाद भी समाजसेवा का संकल्प लेकर 11 लोगों ने लिया देहदान का संकल्प - समाजसेवी गोविंद काकानी
रतलाम,17 जुलाई (इ खबर टुडे)। जीवन के अंतिम पड़ाव के बाद भी समाज के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प लेकर रतलाम के 11 नागरिकों ने मरणोपरांत देहदान का निर्णय लिया है। यह सेवा न केवल मेडिकल शिक्षा में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि एक प्रेरणादायक सामाजिक आंदोलन की दिशा में भी कदम बढ़ाएगी।
यह जानकारी पूर्व संभागीय अंगदान-प्रत्यारोपण प्राधिकरण समिति सदस्य एवं काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने दी। हाल ही में 4 प्रकरणों में 11 देहदान संकल्प पत्र भरे गए, जिनमें वृद्धाश्रम के 6 सदस्य भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक देहदानी को उनके परिवारजनों का पूरा समर्थन प्राप्त रहा।
संकल्पकर्ता एवं सहयोगी परिवारजन:
1. राजेंद्र कावड़िया (63) एवं अनीता कावड़िया (58), तेजा नगर – सहयोगी: पुत्री प्रगति सिंघवी एवं दामाद पुनीत सिंघवी (कोटा)। पूर्व में भी परिवार के दो सदस्य देहदान हेतु संकल्पित हो चुके थे। इस बार घर पहुंचकर गोविंद काकानी द्वारा फॉर्म भरवाया गया।
2. वीरेंद्र पोरवाल (72) एवं नैना पोरवाल (67), रामबाग – सहयोगी: पुत्र वरुण, सिद्धार्थ पोरवाल, कांतिलाल चोपड़ा। पूर्व घोषणा के बाद अब संकल्प पत्र आधिकारिक रूप से भरे गए।
3. कुशल कच्छारा (76), राजस्व कॉलोनी – सहयोगी: पुत्र मनीष कुमार, पुत्री नीलू, दामाद प्रतीक जैन, नातीन इशिका की सहमति पर समाजसेवी अंटू भैया की उपस्थिति में गोविंद काकानी द्वारा फॉर्म भरवाया गया।
वृद्धाश्रम, विरीयाखेड़ी के 6 सदस्य:
ओमप्रकाश तिवारी (78) पिता हनुमान तिवारी
ओमप्रकाश सोलंकी (72) पिता बाबूलाल सोलंकी
घनश्याम जाधव (70) पिता कान सिंह
श्रीमती सुमनलता श्रीवास्तव (65) पति नरेंद्र कुमार
श्रीमती दापु बाई (83) पति मोहनलाल
श्रीमती रामप्यारी (65) पति पन्नालाल
उपरोक्त सभी ग्यारह व्यक्तियों द्वारा मरणोपरांत देहदान की स्वीकृति प्रदान की गई है|
समाजसेवी गोविंद काकानी द्वारा वृद्धाश्रम में उपस्थित बुजुर्गों को जब देहदान की जानकारी दी गई तो वहाँ के कई सदस्यों ने गहरी रुचि दिखाई। प्रेरणा पाकर उक्त 6 सदस्यों ने वृद्धाश्रम संचालक कुलदीप सिंह चौहान की उपस्थिति में संकल्प पत्र भरकर देहदान का निर्णय लिया और समाजसेवा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उक्त जानकारी से काकानी ने जिलाधीश राजेश बाथम एवं शहर एसडीएम अनिल भाना को भी अवगत कराया |
संकल्प पत्रों की प्रक्रिया:
सभी संकल्प पत्र डॉ. अनीता मूथा (डीन, डॉ लक्ष्मीनारायण पाण्डे मेडिकल कॉलेज रतलाम) की सहमति से डॉ. जितेंद्र गुप्ता (एनाटॉमी विभाग प्रभारी) को सौंपे गए। डॉ. राजेंद्र सिंगरौले (देहदान प्रभारी) द्वारा देहदान पहचान-पत्र तैयार किए जा रहे हैं।
देहदान के लाभ व शासन की पहल
समाजसेवी गोविंद काकानी ने बताया कि देहदान से मेडिकल विद्यार्थियों को शरीर संरचना का प्रत्यक्ष ज्ञान मिलता है। नेत्र व त्वचा दान से रोगियों को जीवन मिलता है। अंतिम संस्कार की लागत, लकड़ी की खपत और प्रदूषण कम होता है। साथ ही शासन द्वारा देहदानी परिवार को सामाजिक सम्मान व प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाते हैं।