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मिथुन में प्रवेश करेंगे बृहस्पति, दुनियाभर व बाजार में होगी उठापटक,12 राशियों पर यह होगा असर

12 राशियों पर यह होगा असर

 

देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। वे वृषभ राशि को छोड़कर मिथुन में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस राशि परिवर्तन से देश-दुनिया में असर पड़ेगा। बाजार में भी प्रभाव पड़ेगा। 12 राशियों पर भी अलग-अलग प्रभाव दिखाई देगा।

ज्योतिषी पंडित अमर डब्बावाला ने बताया, पंचांग की गणना के अनुसार 14 मई को बृहस्पति का वृषभ राशि को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश होगा। वर्तमान में बृहस्पति वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं। वृषभ राशि का अधिपति शुक्र है और शुक्र का बृहस्पति से वैमनस्य वाला संबंध होता है। इस कारण कई प्रकार की धार्मिक स्थितियां समाज के सामने आती हैं। 

14 मई को बृहस्पति का वृषभ राशि को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश होगा। मिथुन राशि का अधिपति बुध हैं और नैसर्गिक दृष्टिकोण से देखें तो गुरु का बुध से समकारक दृष्टि संबंध रहता है। इस दृष्टि से अलग-अलग प्रकार के बाजार की स्थितियां पूरे विश्व में दिखाई देगी। विश्व अर्थव्यवस्था एक अलग प्रकार से आकार लेगी। यूरोप में चल रहे रिसेशन को फाइल करने के लिए अलग-अलग प्रकार के संबंधों और नीतियों का सहारा लिया जाएगा।

सामाजिक मूल्यों में आएगी गिरावट

 डब्बावाला ने बताया कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को बड़ा ग्रह बताया गया है। इसके 11 उप चंद्रमा है कुछ मत में चार चंद्रमा हैं। इसकी सूर्य से दूरी और पृथ्वी से दूरी का गणित खगोलीय मान में अलग-अलग प्रकार से आता है।

 पौराणिक दृष्टिकोण से भी अलग प्रकार का आता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र की गणना के सिद्धांतों को देखें तो इसका गति क्रम आगे या पीछे की स्थिति को तय करते हुए कभी-कभी आर्बिटल्स के स्टेटस को मेंटेन करता है व कभी आगे निकल जाता है। यह स्थितियां अतिचार की श्रेणी में आती हैं, जिसके कारण बृहस्पति की ऊर्जा पृथ्वी पर प्रभावित होती है। 

बृहस्पति के अतिचार होने से सामाजिक मूल्यों में गिरावट आती है, वहीं धर्म से जुड़े विषयों पर अलग-अलग प्रकार से आरोप प्रत्यारोप की स्थिति दिखाई देती है, हालांकि यह कम समय का होता है किंतु अपना प्रभाव दिखाता है।

राशि परिवर्तन से बाजार की स्थिति होगी प्रभावित

बृहस्पति के राशि परिवर्तन करने से व्यापार व्यवसाय की गति में अलग-अलग प्रकार की स्थिति दिखाई देगी विश्व का दो तिहाई बाजार कहीं-कहीं मंदी के शिकार की स्थिति को देख सकता है। धातुओं के बाजार में भी परिवर्तन आएगा। अलग-अलग प्रकार से उतार-चढ़ाव की स्थितियां बनेंगी। नए स्टार्टअप्स के मामले में नीतिगत परिवर्तन दिखाई देंगे। सरकार अपने कार्यक्षेत्र का दायरा बढ़ाएगी। नीतिगत सिद्धांतों में होंगे परिवर्तन, व्यवसाय-व्यापार की रूपरेखा अलग प्रकार का आकार लेगी।

12 राशियों पर यह होगा असर

मेष: आर्थिक स्थिति में सुधार होगा कुछ विशेष कार्य करने होंगे।

वृष: विदेश यात्रा या बाहरी यात्रा के माध्यम से धन की प्राप्ति होगी।

मिथुन: पहले से बेहतर अनुभव होगा रुके कार्य की गति बढ़ेगी मांगलिक कार्य होंगे।

कर्क: अतिरिक्त व्यय बढ़ेगा धार्मिक कार्यों में भी खर्च की संभावना है यात्राएं भी होंगी।

सिंह: रुके धन की प्राप्ति एवं कार्य में नए आकार की स्थिति दिखाई देगी।

कन्या: विशेष व्यक्ति के माध्यम से व्यावसायिक रूप रेखा तय कर सकेंगे।

तुला: मित्रों का सहयोग मिल सकता है। अपनी लिमिटेशन पर ध्यान दें।

वृश्चिक: व्यर्थ विवादों से बचने वाला समय रहेगा, अन्यथा अपने ही तनाव देंगे।

धनु: धन मिलने से आराम मिलेग, आकस्मिक कार्य तथा धन की प्राप्ति होगी।

मकर: लेनदेन के मामलों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, नुकसान हो सकता है।

कुंभ: सहायता करें, किंतु अपनी व्यवस्था को देखते हुए।

मीन: दान धर्म के साथ-साथ धार्मिक यात्रा के योग बनेंगे।

वर्षभर के परिभ्रमण से अतिचार की स्थिति

डब्बावाला ने बताया कि बृहस्पति का मिथुन राशि में प्रवेश 14 मई को रात्रि 11 बजे होगा। मिथुन राशि में बृहस्पति का मार्गीय गति क्रम 18 अक्टूबर तक रहेगा, उसके बाद बृहस्पति कर्क राशि में प्रवेश करेंगे कर्क राशि में बृहस्पति का परिभ्रमण 5 दिसंबर तक रहेगा। उसके बाद पुन: मिथुन राशि में वक्री होंगे। फिर 2 जून तक मिथुन राशि में ही रहेंगे। 2 जून को प्रात: 5:30 बजे कर्क राशि में जाएंगे। इस दृष्टि से तकरीबन 6 माह बृहस्पति का गोचर मिथुन राशि में रहेगा। फिर कर्क राशि में प्रवेश होगा और कर्क राशि में बृहस्पति का परिभ्रमण होगा। इस दृष्टि से तकरीबन 47 दिन गुरु का अतिचार माना जाएगा क्योंकि उसके बाद मिथुन राशि में पुन: वक्री होंगे। 2 जून को वर्ष परिभ्रमण की गणना से कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे