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राजस्थान में बर्तन बैंक योजना का काम शुरू, प्ला​स्टिक मुक्त राजस्थान बनाने की तैयारी

राजस्थान में बर्तन बैंक योजना का काम शुरू, प्ला​स्टिक मुक्त राजस्थान बनाने की तैयारी
 

 राजस्थान सरकार ने बर्तन बैंक योजना पर अपना काम शुरू कर दिया है। ऐसे में ग्राम पंचायतों को सरकार की तरफ से बर्तन किराए पर दिए जाएंगे। यह पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक समानता को भी ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इससे प्ला​स्टिक मुक्त राजस्थान का सपना साकार करने में मदद मिलेगी। यह बर्तन तीन रुपये प्रति सेट के हिसाब से किराए पर दिए जाएंगे। इसके अलावा यह बर्तन चोरी होने पर आसानी से ट्रेक किए जा सकेंगे। इसके अलावा दिव्यांग, बीपीएल, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा विशेष परि​स्थितियों में यह बर्तन 50 प्रतिशत तक छूट के साथ किराए पर दिए जा सकेंगे। 


राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्र को प्ला​स्टिक मुक्त बनाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रत्येक ग्राम पंचायत के पास बर्तन बैंक स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और सामुदायिक आयोजनों में प्ला​स्टिक के बर्तनों का उपयोग समाप्त करना है। इसके अलावा इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना भी है क्योंकि प्ला​स्टिक के बर्तनों से पर्यावरण प्रदू​षित होता है।


किराए पर लिए जा सकेंगे बर्तन
ग्रामीण क्षेत्र में यदि कोई शादी समारोह, पारिवारिक समारोह, पंचायत स्तर पर कोई बड़ा कार्यक्रम हो तो उसमें स्टील के बर्तन प्रयोग किए जा सकेंगे। इन बर्तनों को पंचायत के बर्तन बैंक से आसानी से किराए पर लिया जा सकेगा। प्रत्येक पंचायत के पास कम से कम 400 बर्तन सेट खरीदकर रखवाए जाएंगे। एक सेट में एक थाली, तीन कटोरी, एक चम्मच और एक गिलास शामिल किया जाएगा। प्रत्येक बर्तन सेट का किराया तीन रुपये रखा जाएगा।

यह किराया केवल बर्तन बैंक के रख-रखाव में ही खर्च किया जाएगा। प्रत्येक बर्तन पर संबं​धित ग्राम पंचायत का नाम और स्वच्छ भारत का लोगो लगाया जाएगा। इससे इन बर्तनों की पहचान आसानी से की जा सकेगा। यही नहीं यदि यह बर्तन चोरी हो जाते हैं तो भी इनको इन लोगों के आधार पर आसानी से ट्रेक किया जा सकेगा। 


स्वयं सहायता समूह करेंगे संचालन
इन बर्तन बैंकों का संचालन स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इन बर्तन बैंकों की देखरेख रखेंगे। इसके अलावा इन बर्तनों का रिकार्ड, बर्तनों का विवरण तथा इनको किराए पर देने का रिकार्ड रखा जाएगा। इन स्वयं सहायता समूहों का चयन जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अ​धिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। पहले चरण में सरकार की योजना है कि एक हजार ग्राम पंचायतों को पास बर्तन बैंक स्थापित किए जाएंगे। इसमें सबसे पहले जोधपुर की 30 ग्राम पंचायत शामिल हैं। सरकार की तरफ से एक ग्राम पंचायत को एक लाख रुपये की सहायता रा​शि भी दी जाएगी।