राजस्थान के इन मंदिरों में दिखती है कृष्ण जन्माष्टमी की अनोखी झलक, मन मोह लेता है नाजारा
Rajasthan: पूरे देश में आज धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। कई जगहों पर कल भी कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा। मथुरा वृंदावन के अलावा राजस्थान में भी कृष्ण जन्माष्टमी की अनोखी झलक देखने को मिलती है।
राजस्थान के मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी की अनोखी झलक देखने को मिलती है, जो भक्ति, संस्कृति और उत्सव का अद्भुत संगम है। यह पर्व यहां के मंदिरों में खास तौर पर मनाया जाता है, और हर मंदिर की अपनी खासियत होती है।
1. नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर
नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर जन्माष्टमी के दौरान विशेष सजावट और पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहां भगवान श्रीकृष्ण को चांदी के झूलों में विराजमान किया जाता है, और भजन-कीर्तन से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। मंदिर में आधी रात को महाआरती और झांकियां आयोजित की जाती हैं, जो देखने लायक होती हैं।
2. आमेर का जगत शिरोमणि मंदिर
जयपुर के आमेर में स्थित जगत शिरोमणि मंदिर अपनी अनोखी विशेषता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को उनकी प्रिय भक्त मीराबाई के साथ प्रदर्शित करता है। जन्माष्टमी के अवसर पर यहां भजन-कीर्तन और झांकियां आयोजित की जाती हैं, जो भक्तों को कृष्ण भक्ति में डूबने का अवसर देती हैं। मंदिर का वास्तुशिल्प भी बेहद आकर्षक है।
3. गोविंद देवजी मंदिर, जयपुर
जयपुर के हृदय स्थल में स्थित गोविंद देवजी मंदिर जन्माष्टमी के दिन हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यहां भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह का भव्य श्रृंगार किया जाता है और विशेष आरती आयोजित होती है। भक्त सूर्योदय से लेकर देर रात तक दर्शन के लिए कतारों में खड़े रहते हैं।
4. भरतपुर के बांके बिहारी मंदिर
भरतपुर में कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। यहां बांके बिहारी जी के मंदिर को आकर्षक रोशनी और फूलों से सजाया जाता है। रात 12 बजे भगवान का अभिषेक और जन्मोत्सव मनाया जाता है। भक्त भजन गाते हुए और नाचते-गाते हुए इस उत्सव में भाग लेते हैं।
राजस्थान के मंदिरों में जन्माष्टमी पर सजावट, झांकियां, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रौनक भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का अनुभव करने का अद्भुत अवसर देती है।