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बीकानेर-नागौर के बीच 108 किलोमीटर लंबा होगा फोरलेन, सफर होगा आसान

बीकानेर-नागौर के बीच 108 किलोमीटर लंबा होगा फोरलेन, सफर होगा आसान
 

देशनोक आरओबी पर एक महीने पहले हुए सड़क हादसे में रिश्ते में छह भाइयों की मौत हो गई थी। उसके बाद परिजन धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद प्रशासन ने इसकी जांच करवाई तो सामने आया कि आरओबी का ​डिजाइन ही गलत है। पहले भी इसके ​डिजाइन पर सवाल उठते रहते हैं। अब सरकार द्वारा इस आरओबी को बिना तोड़े ही दूसरा सिक्स लेन आरओबी इसके पास बनाया जाएगा। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। इसके लिए डीपीआर का आधा काम पूरा हो चुका है। इस पर एक करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इससे में वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी। 


इस आरओबी की जांच करवाई गई तो सामने आया कि इस आरओबी का डिजाइन 2011 मं बना था। उसके बाद जब आरओबी बनने लगा तो किसी भी ​अ​धिकारी ने न तो इसके ​डिजाइन को दोबारा जांचा और न ही इस पर कोई सवाल उठाए गए। डिजाइन गलत बनने से इस पर सड़क हादसे होते रहते हैं। इसके बाद इस पर लगातार सवाल उठने लगे और लोगों ने इस आरओबी को तोड़कर दूसरा आरओबी बनाने की मांग की। अब यहां पर एक नया आरओबी बनाया जाएगा। यह पुराना आरओबी भी रहेगा। इसका प्रयोग स्थानीय लोगों के लिए चलता रहेगा जबकि भारी वाहनों के लिए बीकानेर-नागौर हाइवे बनने के दौरान नया आरओबी बनाने की योजना है। इसके लिए अलग से जमीन का अ​धिग्रहण किया जाएगा, जो 6 लेन का होगा। 


एनएचएआई करेगी बीकानेर-कोटपुतली ग्रीन एक्सप्रेस-वे का निर्माण
बीकानेर-कोटपुतली ग्रीन एक्सप्रेस-वे का निर्माण अब पीडब्ल्यूडी विभाग की एनएच शाखा नहीं बनाएगी। इसका निर्माण अब नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को करना होगा। एनएच शाखा से एनएचएआई को कागजात ट्रांसफर का काम शुरू हो गया है। अब इस पर केवल एनएचएआई के आरओ के हस्ताक्षर ही बाकी है। उसके बाद सारे काम एनएचएआई ही करेगी। 


बजट की आ गई थी समस्या
पिछले साल बजट में भजनलाल सरकार ने प्रदेश में 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की थी, लेकिन जब निर्माण की बात आई तो आ​र्थिक ​स्थिति गड़बड़ा गई। आ​र्थिक ​स्थिति कमजोर होने के कारण केंद्र सरकार ने यह प्रोजेक्ट अपने हाथ में ले लिया। अब इसको एनएचएआई को बनाने की मंजूरी मिल गई है। इस पर जो टोल लगेगा वह केंद्र सरकार ही तय करेगी।