कमाई के मामले में राजस्थान का सीकर डिपो सबसे आगे, झुंझनूं और खेतड़ी दूसरे-तीसरे स्थान पर
राजस्थान में रोडवेज की कमाई बढ़ती जा रही है। शेखावाटी क्षेत्र के तीन डिपो ने कमाई के मामले में पूरे प्रदेश में अपना नाम चमका दिया है। मार्च की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार सीकर डिपो ने आय और यात्री ढोने के मामले में पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। इसके बाद झुंझनूं डिपो ने दूसरा तथा खेतड़ी डिपो ने तीसरा स्थान हासिल किया है। इन तीन रोडवेज डिपो ने पूरे प्रदेश में आय के मामले में एक रिकार्ड बनाया है। वहीं यह तीनों डिपो यात्रा करवाने में भी सबसे आगे रहे हैं।
6 डिपो की निर्धारित से अधिक आय
यदि हम राजस्थान में रोडवेज डिपो की बात करें तो पूरे प्रदेश में 52 डिपो हैं। इनमें से 6 डिपो ऐसे हैं, जिन्होंने मार्च महीने की निर्धारित आय से अधिक आय प्राप्त की। इन डिपो ने यात्रा करवाने में भी अपना रिकार्ड बनाया है। सबसे अधिक आय सीकर डिपो ने दर्ज की। इस डिपो ने 726.81 लाख रुपये की आय मार्च महीने में अर्जित की। इसके बाद झुंझनूं डिपो का नाम आता है। इस डिपो ने 473.39 लाख रुपये की कमाई मार्च महीने में करके पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। यदि हम तीसरे स्थान की बात करें तो यह स्थान खेतड़ी डिपो ने हासिल किया है। इस डिपो ने भी 230.51 लाख रुपये की आय अर्जित की है। तीनों ही डिपो ने दूसरे डिपो के अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
अधिकारियों व कर्मचारी की मेहनत
झुंझनूं डिपो के आगार प्रबंधक गणेश कुमार शर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश में उनका डिपो दूसरे स्थान पर रहा है। उन्होंने आय अजिर्त करने तथा यात्रीभार के मामले में भी दूसरा स्थान हासिल किया है। यह सभी डिपो के कर्मचारियों व अधिकारियों की मेहनत का नतीजा है। यह सभी लोग एक टीम के रुप में काम करते हैं। टीम के रुप में काम करने के अलग परिणाम आते हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने की जो रिपोर्ट आएगी, उसमें उनका डिपो पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर होगा। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यात्रियों की बढ़ती संख्या और डिपो की कार्यशैली इसे प्रभावित करती है। सीकर, झुंझनूं और खेतड़ी डिपो से चलने वाली बसों में यात्रियों की संख्या बहुत अधिक रही। कोई भी बस मार्च महीने में खाली नहीं चली। बसों में एक भी सीट खाली नहीं रही, जिसके कारण इनकी कमाई बढ़ गई।
बसों की संख्या कम
झुंझनूं डिपो के पास वोल्वो बसों की कमी है। कुछ रूटों पर बसों की संख्या कम होने के कारण संचालन बेहद कम है। सरकार ने झुंझनूं से दिल्ली तक वोल्वो बस चलाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक यह सेवा शुरू नहीं हो पाई है। इसके अलावा सालासर, खाटूश्यामजी, लोहार्गल और शाकंभरी जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर बसों के फेरे बढ़ाने की बसों की कमी महसूस हो रही है। यदि इन सभी रूटों पर बसों की संख्या बढ़ जाए और वोल्वो बस मिल जाएं तो झुंझनूं डिपो की कमाई प्रदेश में सबसे पहले स्थान पर होगी।