Rajasthan New Highway: राजस्थान व हरियाणा के अधिकारियों की हुई बैठक, भिवाड़ी-रेवाड़ी- पलवल नेशनल हाईवे होगा चकाचक बनाने का दिया निर्देश
गड्ढे और डिवाइडर की हालत खराब
रेवाड़ी -पलवल हाईवे की हालत बेहद खराब हैं। धारूहेड़ा तिराहे से माहेश्वरी तक आधा किमी के हिस्से में जलभराव की वजह से मिट्टी-गिट्टी के तीन अवरोधक लगे हुए हैं। इससे सडक़ की स्थिति एनएच की जगह जंगल के रास्ते से भी खराब लगती है। बाइपास पर जलभराव को 22 महीने की अवधि हो चुकी है। एनएच पर अवैध रूप से बनाए गए रैंप, मिट्टी के बैरियर नहीं हट सके हैं।
तावडू की तरफ से बैरियर पर आते ही बड़े, गहरे गड्डे वाहन चालकों का स्वागत करते हैं। दोपहिया, चार पहिया हो या भारी वाहन यहां सभी झूले की तरफ नाचते नजर आते हैं। आगे चलने पर कई जगह डिवाइडर एवं रेलिंग टूटी हुई है। सडक़ पर कहीं भी सफाई की व्यवस्था नहीं है। रोड साइड में फुटपाथ दिखाई नहीं देती। इसकी वजह से कई वाहन चालक लापरवाही से मोडकर हादसों को निमंत्रण देते हैं।
सौंदर्यीकरण के लिए नहीं दी अनुमति
रीको ने हरियाणा बॉर्डर बैरियर से भिवाड़ी मोड तक एनएच 919 के करीब 4 किमी हिस्से के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण के लिए चार साल पहले अनुमति मांगी थी लेकिन एनएचएआई और हरियाणा पीडब्ल्यूडी ने अनुमति नहीं दी। इतनी अवधि में निर्माण भी नहीं कराया, जबकि हरियाणा क्षेत्र में कई बार सडक़ का निर्माण एवं रखरखाव हो चुका है।
रीको इस सडक़ को चार लेन से छह लेन चौड़ा, सडक़ के दोनों तरफ 1.5 मीटर चौड़ा और गहरा नाला निर्मित कराती। प्रोजेक्ट पर रीको करीब 25 करोड़ रुपए खर्च करती। इस सडक़ की चौड़ाई एक तरफ से दूसरी तरफ तक करीब 35 मीटर है, जहां नई बसावट है। वहां पर सडक़ की चौड़ाई पूरी है, जबकि पुरानी आबादी की तरफ अवैध निर्माण की वजह से 30 मीटर ही चौड़ाई है। सन 1998 में रीको ने इस सडक़ का कायाकल्प किया। सडक़ का हिस्सा भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र के बीच से गुजरता है।
सडक़ के निर्माण से औद्योगिक क्षेत्र के विकास में मदद मिलती। यहां से निकलने वाले भारी वाहनों को रुकावट न हो। सडक़ पर भिवाड़ी मोड से लेकर बैरियर तक भारी वाहनों का काफी दबाव रहता है, क्योंकि दोनों तरफ आबादी होने से यहां बड़ी तादाद में वाहनों का आवागमन होता है। बीच में सडक़ पर इधर-उधर रेहड़ी-पटरी वाले बैठने से भी अतिक्रमण है, जिससे भिवाड़ी मोड से बैरियर तक वाहनों को रेंगकर चलना पड़ता है।