राजस्थान में अब 30 की बजाय 50 हजार लोगों को सरकार कराएगी तीर्थयात्रा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधा
राजस्थान सरकार ने वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में कुछ बदलाव किए हैं। पहले की बजाय अब वरिष्ठ नागरिकों के तीर्थ यात्रा को आकर्षक और आरामदायक बनाने पर विचार किया जा रहा है। सरकार अब वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन में स्लीपर की बजाय एसी ट्रेन में यात्रा करवाएगी। इसके अलावा अब यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। अब 30 हजार की बजाय 50 हजार वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा करवाई जाएगी। वरिष्ठ नागरिक अपनी यात्रा के दौरान राजस्थान की कला, संस्कृति, पर्यटन और अध्यात्म की भी झलक देख सकेंगे।
ट्रेनों का भी बदला नजर आएगा स्वरूप
जिन ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी, उनका स्वरूप भी बदला-बदला नजर आएगा। अब इन ट्रेनों में महापुरुषों के चित्रों के साथ-साथ राजस्थानी शैली के अनुरूप डिजाइन बनाए जाएंगे ताकि वरिष्ठ नागरिक जब इन ट्रेनों में यात्रा करें तो उनको सुखद एहसास हो। इसके लिए देवस्थान विभाग के मंत्री जोराराम कुमावत ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। ट्रेन में इस प्रकार के डिजाइन बनाए जाएंगे कि दूसरे राज्यों में भी यह आकर्षण का केंद्र बन सकें। ट्रेन के बाहरी हिस्सों में राजस्थानी कला, संस्कृति की झलक दिखाई देगी। ट्रेन के बाहर धार्मिक स्थलों के, महापुरुषों के चित्र उकेरे जाएंगे। ट्रेन की खिड़कियों व गेट पर भी सजावट की जाएगी।
गर्मियों के दिनों में नहीं होगी परेशानी
राजस्थान सरकार द्वारा गर्मियों के दिनों में वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा करवाई जाती है। पहले वरिष्ठ नागरिकों को सरकार की तरफ से सामान्य स्लीपर कोच उपलब्ध करवाया जाता था। अब यह वरिष्ठ नागरिक एसी कोच में यात्रा कर सकेंगे। यह योजना सरकार ने 2013 में शुरू की थी। बिना एसी के गर्मी के दिनों में यात्रा करना काफी मुश्किल होता था। जोराराम कुमावत ने बताया कि एसी ट्रेन में यात्रा करने से बुजुर्गों को काफी आरामदायक सफर का एहसास होगा।
आवेदनों के अनुसार संख्या कम
सरकार तीर्थ यात्रा के लिए वरिष्ठ नागरिकों से आवेदन मांगती है। पिछले साल की बात करें तो प्रदेशभर से लगभग डेढ़ लाख आवेदन यात्रा के लिए आए थे। ऐसे में हर किसी का नंबर यात्रा के लिए नहीं आता था। इसी कारण अब 30 हजार यात्रियों की संख्या को बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है। ऐसे में काफी वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने इस यात्रा के लिए अपने बजट को भी बढ़ा दिया है। पहले प्रतिवर्ष इसके लिए 86 करोड़ रुपये का बजट अलॉट होता था। अब इस मद में बजट बढ़ाकर 113 करोड़ कर दिया गया है। वहीं काठमांडू की तीर्थ यात्रा के लिए पहले छह हजार यात्रियों की संख्या थी, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2024 में प्रदेश के 31 हजार वरिष्ठ नागरिकों ने यात्रा की थी। इस बार यह आंकड़ा बढ़ जाएगा। अब तक एक लाख 81 हजार वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा कर चुके हैं।
2020 व 2021 में नहीं करवाई गई थी तीर्थ यात्रा
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना के कारण तीर्थ यात्रा नहीं करवाई गई थी। 2013 में 41 हजार, 2014 में 7 हजार, 2015 में 8 हजार, 2016 में 9 हजार, 2017 में 15 हजार, 2018 में 7 हजार, 2019 में 8 हजार, 2022 में 20 हजार, 2023 में 33 हजार तथा 2024 में 31 हजार लोग तीर्थ यात्रा कर चुके हैं।
इन स्थानों की करवाई जाती है यात्रा
राजस्थान सरकार द्वारा तीर्थ यात्रियों को रामेश्वरम-मदुरई, जगन्नाथपुरी,तिरुपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, वैष्णोदेवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, मथुरा-वृंदावन-बरसाना, सम्मेदशिखर-पावापुरी-बैद्यनाथ, उज्जैन-ओंकारेश्वर-त्रयंबकेश्वर,गंगासागर,कामाख्या, हरिद्वार-ऋषिकेश-अयोध्या, मथुरा-अयोध्या, बिहार शरीफ और वेलकानी की यात्रा करवाई जाती है।