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Indian Railway: ट्रेन यात्रियों का सफर होगा अब सुहाना, रेलवे विभाग चलाएगा डेढ़ सौ नई पैसेंजर ट्रेन

 

Indian Railway: भारतीय रेलवे को तेज, आधुनिक और आम लोगों के अनुकूल बनाने के लिए बड़ी पहल की जा रही है। कम दूरी की ट्रेन यात्रा अब मुश्किल भरी नहीं होगी। रेलवे की तैयारी डेढ़ सौ नई पैसेंजर ट्रेनें उतारने की है। पहले से चलाई जा रही पैसेंजर ट्रेनों को अपग्रेड किया जाना है। 

उनमें 1200 अतिरिक्त जनरल कोच लगाए जाएंगे। मेन लाइन ईएमयू गाड़ियों के कोचों की संख्या भी बढ़ाई जानी है। इन्हें 16 या 20 कोच का बनाया जाएगा। अभी तक ये आठ या 12 डिब्बों के होते हैं। टिकट लेने संबंधी दिक्कतों को भी दूर कर नई टिकटिंग व्यवस्था लागू की जा रही है।

 इससे ट्रेन यात्रा में सहजता आएगी। इसके अलावा 50 नई 'नमो भारत' एसी पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाएंगी। अभी दो गाड़ियां ट्रायल के रूप में चलाई जा रही हैं। पहली बिहार में पटना-जयनगर के बीच और दूसरी गुजरात में अहमदाबाद-भुज के बीच। दोनों के नतीजे बहुत अच्छे आए हैं।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि पैसेंजर सेगमेंट को अपग्रेड करने के लिए 100 मेन लाइन ईएमयू (मेमू) और 50 'नमो भारत' एसी पैसेंजर ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है।

अब तक मेमू गाड़ियों में अधिकतम 12 कोच होते थे, लेकिन नई गाड़ियां 16 और 20 कोच के होंगे, जिससे छोटी दूरी की यात्रा में अधिक से अधिक यात्री शामिल हो सकेंगे। रेलवे को भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी। नई मेमू गाड़ियों का निर्माण तेलंगाना के काजी पेट में शुरू किया गया है।

गर्मी की छुट्टियों और त्योहारों के दौरान ट्रेनों में भीड़ को देखते हुए एक वर्ष में रेलवे ने 1200 से अधिक जनरल कोच जोड़कर आम यात्रियों को बड़ी राहत दी है। यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी, ताकि त्योहारी मौसम में भी यात्रियों को दिक्कत नहीं हो सके।

ट्रेन खुलने के कम से कम 24 घंटे पहले बना दिया जाएगा चार्ट

रेलवे ने टिकटिंग प्रणाली को भी पारदर्शी बनाने की पहल की है। पहली जुलाई से नई व्यवस्था प्रभावी होने जा रही है। विंडो बुकिंग पर पहचान पत्र अनिवार्य होगा। आनलाइन बुकिंग की अनुमति भी सिर्फ उन्हीं यात्रियों को दी जाएगी, जिन्होंने अपने पहचान पत्र का केवाईसी करा लिया है।

 सीट कन्फर्मेशन की बेसब्री और अनिश्चितता को भी व्यावहारिक बनाया जाएगा। ट्रेन खुलने के कम से कम 24 घंटे पहले चार्ट बना दिया जाएगा। रेलवे ने बीकानेर मंडल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऐसी व्यवस्था शुरू की थी, जिसे अब देशभर में लागू किया जाएगा। अभी तक ट्रेन खुलने के लगभग चार घंटे पहले चार्ट बनाने की व्यवस्था है।