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ट्रेनों में भीड़भाड़ से यात्रियों को मिलेगी राहत, केन्द्र सरकार ने तैयार किया मास्टर प्लान, ट्रेनों की क्षमता में 50 प्रतिशत बढेगी

ट्रेनों में भीड़भाड़ से यात्रियों को मिलेगी राहत, केन्द्र सरकार ने तैयार किया मास्टर प्लान, ट्रेनों की क्षमता में 50 प्रतिशत बढेगी
 

भीड़भाड़ से जूझती लोकल ट्रेनों में यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों के लिए राहतभरी खबर है। केंद्र सरकार ने मुंबई लोकल ट्रेनों की क्षमता में 50 प्रतिशत दिसंबर तक शुरू होगी आधुनिक तक की वृद्धि के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है।


 इसमें अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली, नई वातानुकूलित लोकल ट्रेनों की शुरुआत और बुनियादी संरचनाओं का विस्तार शामिल है। इस योजना के तहत 238 नई एसी लोकल ट्रेनों को शामिल किया जाएगा। ये ट्रेनें मध्य और पश्चिम रेलवे की मौजूदा लोकल ट्रेनों के अतिरिक्त होंगी और इन्हें चरणवद्ध तरीके से सेवा में शामिल किया जाएगा। इस संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणाएं की।

रेल मंत्री ने कहा कि कवच 5.0 दिसंबर 2025 तक विकसित होगा। इसमें 'कम्युनिकेशन वेस्ड ट्रेन कंट्रोल' (CBTC) तकनीक का समावेश होगा। यह तकनीक दो ट्रेनों के बीच की दूरी को केवल 150 सेकंड तक कम कर सकती है, जिससे ट्रेनों के फेरे बढ़ाए जा सकेंगे। कवच तकनीक भारतीय रेलवे के हैदराबाद स्थित सिग्नल इंजिनियरिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन संस्थान में मेक इन इंडिया के तहत विकसित की जा रही है। दिसंबर तक इसका परीक्षण किया जाएगा। 


वैष्णव ने कहा कि लोकल रेल सेवाओं को मजबूत करने के लिए 17,000 करोड़ रुपये की लागत से 300 किलोमीटर से अधिक नए रेल मार्ग विछाए जा रहे हैं। वहीं, देशभर में चल रही 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत महाराष्ट्र के 132 रेलवे स्टेशनों का भी पुनर्विकास किया जा रहा है। अव तक देशभर में 1,300 स्टेशनों पर कार्य शुरू हो चुका है। इनमें से 104 स्टेशन के कार्य पूरे हो चुके हैं।

ट्रेनों के डिजाइन पर विशेष ध्यान

लोकल ट्रेन के यात्रियों की सहूलियत को लेकर रेल मंत्रालय ने 238 नई वातानुकूलित लोकल ट्रेनें शुरू करने का निर्णय लिया है। इन वातानुकूलित लोकल ट्रेनों के डिजाइन इस प्रकार के होंगे कि भीड़ में भी यात्रियों को भरपूर ऑक्सीजन मिल सकेगी। वैष्णव ने कहा कि फिलहाल मध्य और पश्चिम रेलवे पर प्रतिदिन 3,000 से अधिक लोकल ट्रेनों के फेरे हैं। अब आधुनिक तकनीक और नई ट्रेनों की मदद से यह संख्या बढ़ाई जाएगी।