Train ticket confirm : अगर आपके पीएनआर में एक भी सीट कंफर्म है तो रेल यात्रा कर सकेंगे वेटिंग टिकट वाले
आपके पेसेजंर नेम रिकॉर्ड(pessenger name record) में एक भी सीट कंफर्म है तो आप सभी वैध यात्रा कर सकते हैं। आपको टीईटी( tet) बिना टिकट मानकर कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता है।
एक पीएनआर (pnr)पर अधिकतम छह लोगों के लिए सीट आरक्षित की जाती है, ऐसे में किसी भी श्रेणी में न्यूनतम एक सीट कन्फर्म होने पर आरक्षित सीट वाले यात्री के साथ अन्य पांचों यात्री यात्रा कर सकेंगे। ऐसे यात्रियों की संख्या कोच की कुल बर्थ (सीटों) की संख्या के सापेक्ष केवल 25 प्रतिशत तक हो सकेगी। यह 25 प्रतिशत वेटिंग टिकट की सीमा केवल सामान्य कोटे की बर्थ पर लागू होगी। वरिष्ठ नागरिक, महिलाओं, दिव्यांगजन और विदेशी पर्यटकों के लिए आरक्षित कोटा की बर्थ इस गणना से बाहर रहेंगी।
रेलवे के नए नियम के अनुसार, 72 सीटों वाले स्लीपर क्लास(sleeper class) के एक कोच में अधिकतम 18 यात्रियों को वेटिंग टिकट(waiting ticket) मिलेगा। वेटिंग लिस्ट(waiting list) में ये यात्री गिने जाएंगे और उपलब्धता के आधार पर सीट की मांग भी टीटीई (tte)से कर सकेंगे।
यह व्यवस्था (online and window)) दोनों तरह की आरक्षित टिकट प्रणाली पर लागू होगी। रेलवे ने आरक्षित कोच में कन्फर्म सीट वाले यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने और रिजर्व कोच में भीड़ को कम करने के लिए 25 प्रतिशत का यह नया नियम लागू किया है। बहुत संभावना है कि इसे निकट भविष्य में और घटाया जा सकेगा।
इस फैसले का उद्देश्य त्योहारी सीजन में होने वाली अत्यधिक भीड़ को कम करना और कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है। ऐसे में रेलवे की विशेष ट्रेनों में यात्री अधिकतम संख्या में यात्रा करने के लिए टिकट आरक्षित कराएंगे। हालांकि, इस बदलाव से कई ट्रेनों में रिग्रेट (टिकट की अनुपलब्धता) की स्थिति बन रही है, क्योंकि सीमित वेटिंग टिकटों(waiting ticket) के कारण कई यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा है।
उत्तर मध्य रेलवे (Uttar madhya railway )के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि वेटिंग टिकट में यात्रा वैध नहीं मानी जाएगी, ऐसे यात्री बिना टिकट ही माने जाएंगे।(Indian railway) किसी भी पीएनआर पर न्यूनतम एक सीट आरक्षित होने पर ही संबंधित पीएनआर में सूचीबद्ध यात्री को वेटिंग टिकट के तहत यात्रा करने का अधिकार होगा। Train ticket

