स्वर्गारोहिणी के साहसिक अभियान पर जाएंगे भारत भक्ति संस्थान और अधिवक्ता परिषद के सदस्य
रतलाम,4 सितम्बर(इ खबर टुडे)। भारत भक्ति संस्थान और अधिवक्ता परिषद से जुडे सदस्यों का एक छ: सदस्यीय दल हिमालय के दुर्गम पहाडी क्षेत्रों में साढे पन्द्रह हजार फीट की उंचाई पर स्थित विरल आक्सिजन वाले क्षेत्र स्वर्गारोहिणी के साहसिक अभियान पर 7 सितम्बर गुरुवार को रवाना होगा।
यात्रा दल के सदस्य पत्रकार तुषार कोठारी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में पांचों पाण्डव व द्रौपदी सशरीर स्वर्ग जाने के लिए जिस मार्ग से गए थे,उसी मार्ग पर स्वर्ग जाने की सीढियां है। इसी को स्वर्गारोहिणी कहा जाता है। महाभारत के अनुसार,धरती से स्वर्ग की इस यात्रा में केवल धर्मराज युधिष्ठिर ही जीवित स्वर्ग तक पंहुच पाए थे। स्वर्ग की सीढियों से पहले सतोपंत झील आती है। इस झील को देवताओं की झील कहा जाता है। सतोपन्त झील समुद्र सतह से करीब साढे पन्द्रह हजार फीट की उंचाई पर स्थित है। यह पूरा क्षेत्र अत्यन्त विरल आक्सिजन का क्षेत्र है। सतोपंत झील और स्वर्गारोहिणी का यह क्षेत्र उत्तराखण्ड में बद्रीनाथ धाम से उपर है,यहां का मार्ग माणा से होकर जाता है। स्वर्गारोहिणी सतोपंत की इस दुर्गम यात्रा पर गिने चुने श्रध्दालु और पर्वतारोहण के शौकीन लोग ही अधिक जाते है।
तुषार कोठारी ने बताया कि स्वर्गारोहिणी के इस साहसिक अभियान पर जाने वाले छ: सदस्यीय दल में उनके साथ भारत भक्ति संस्थान की ओर से मन्दसौर गुरु एक्सप्रेस के संपादक आशुतोष नवाल,सामाजिक कार्यकर्ता महेश चौधरी और अधिवक्ता परिषद के प्रकाश राव पंवार,दशरथ पाटीदार और संतोष त्रिपाठी शामिल है। स्वर्गारोहिणी की यह यात्रा 7 सितम्बर को प्रारंभ होगी। यात्रा दल के सदस्य रतलाम से चार पहिया वाहन से बद्रीनाथ पंहुचेंगे और फिर वहां से पैदल करीब एक सप्ताह की ट्रैकिंग कर स्वर्गारोहिणी की यात्रा करेंगे।