सिविल सर्जन डॉ.रत्नाकर पर रिश्वतखोरी का आरोप
शिकायतकर्ता ने की रेकार्डिंग,कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
रतलाम,10 जून (इ खबरटुडे)। हाल ही में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन बनाए गए डॉ.बी आर रत्नाकर रिश्वतखोरी के आरोपों में घिर गए है। एक विकलांग बालक को विकलांगता का प्रमाणपत्र देने के लिए बारह सौ रु.की रिश्वत लेने का आरोप उन पर लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने के पूरे घटनाक्रम की गोपनीय तरीके से विडीयो रेकार्डिंग भी कर ली और इसे कलेक्टर को सौंप दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार,ग्राम मांगरोल निवासी मोहनलाल परमार का ग्यारह वर्षीय पुत्र मनोज जन्म से ही मूक बधिर है। मोहनलाल परमार ने अपने पुत्र के विकलांगता प्रमाणपत्र के लिए जिला चिकित्सालय में आवेदन किया था। पिछले कई दिनों से सिविल सर्जन डॉ.बीआर रत्नाकर प्रमाणपत्र देने में आनाकानी कर रहे थे। मंगलवार सुबह मोहनलाल परमार,सिविल सर्जन डॉ.रत्नाकर के जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित निवास पर पंहुचा और उसने डॉ.रत्नाकर से विकलांगता प्रमाणपत्र देने के बारे में बात की। मोहनलाल का आरोप है कि डॉ.रत्नाकर ने प्रमाणपत्र देने के एवज में बारह सौ रु.रिश्वत की मांग की।
शिकायतकर्ता मोहनलाल पूरी तैयारी के साथ डॉ.रत्नाकर के पास पंहुचा था। उसने रिश्वत की रकम बारह सौ रु. तो डॉ.रत्नाकर को सौंपे,लेकिन साथ ही गोपनीय कैमरे से पूरे घटनाक्रम की विडियो रेकार्डिंग भी कर डाली। रिश्वत की रकम मिलते ही डॉ.रत्नाकर ने मोहनलाल परमार के पुत्र का विकलांगता प्रमाण पत्रभी उसे दे दिया।
इसके बाद मोहनलाल ने सिविल सर्जन की शिकायत विडीयो रेकार्डिंग के साथ कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर को सौंप दी। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर ने शिकायत की जांच के आदेश दिए है।