November 17, 2024

सिंहस्थ क्षेत्र में विद्युत लोड की अनदेखी

विद्युत सुरक्षा विभाग देखकर भी अनजान
उज्जैन,18 अप्रैल (इ खबरटुडे)। सिंहस्थ क्षेत्र में संतों को नि:शुल्क विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है। विद्युत लोड के नाम पर सीधे-सीधे अनदेखी की जा रही है। पाण्डालों में लोड टेस्ंिटग के विरुद्ध विद्युत के उपयोग की स्थिति बन रही है।

 विद्युत सुरक्षा विभाग यह सब देखकर भी अनजान है। इस स्थिति के चलते सुरक्षा को भी खतरा होगा और विद्युत अपव्यय की स्थिति के साथ ही दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी प्रबल रहेंगी।
सिंहस्थ क्षेत्र में बड़े-बड़े पाण्डालों में हजारों किलोवाट विद्युत उपयोग की स्थिति साफ सामने आ रही है। अकेले सभाकक्ष में ही सैकड़ों पंखे लग रहे हैं। ऐसे ही अन्य स्वीस कॉटेज सहित एसी रुम और तमाम सुविधाओं श्रद्धालुओं को उपलब्ध करवाई जा रही है। मोटी दानराशि लेकर यह सब सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। इतने विद्युत उपकरण चलाने के लिये सैकड़ों किलोवाट की बिजली की आवश्यकता पड़ेगी। इसके विरुद्ध लोड टेस्ंिटग रिपोर्ट ठेकेदारों से ली जाना चाहिये।
यही नहीं कई पाण्डालों के पास तो ट्रांसफार्मर स्थापित करने जैसे हालात अभी से दिखाई दे रहे हैं जबकि अब तक न तो ऐसे पाण्डालों के नजदीक डीपी स्थापित की गई है और न ही लोड टेस्ंिटग रिपोर्ट भी ली जा रही है। विद्युत विभाग के सूत्रों का कहना है कि इन हालातों में कभी भी हादसे की संभावना बनी रहेगी।
विद्युत लोड की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण ऐसे में अधिक लोड खींचने पर विद्युत ट्रांसफार्मर साथ छोड़ सकते हैं। अधिक गर्म होने पर ट्रांसफार्मर में भी तकनीकी परेशानी के चलते कई सारी स्थितियां निर्मित हो सकती है। यही नहीं लोड अधिक और कम होने के हालात में भी स्थिति विकट बन सकती है।
 सूत्रों के मुताबिक संतों को नि:शुल्क विद्युत उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन पाण्डालों में विद्युत उपकरण लगाने वाले ठेकेदारों से लोड टेस्ंिटग रिपोर्ट ली जाना चाहिये। इसके साथ ही पाण्डालों में वायर और केबलों का निरीक्षण भी  विद्युत सुरक्षा विभाग के जिम्मेदारों को एक बार जाकर देखना चाहिये, जिससे कि संभावित हादसे को रोका जा सके। सूत्रों के मुताबिक कई प्रमुख संतों के बड़े पाण्डालों में सीधे तौर पर प्लाई के ऊपर प्लास्टिक लगाने के साथ ट्यूब लाइट और अन्य यंत्र सीधे लगा दिये गये हैं।
इनमें लगाये गये वायर ज्वाइंट कर लगाये गये हैं। इन पर इंसुलेशन टेपिंग भी ठीक से नहीं किया गया है। लोड कम अधिक की स्थिति में स्पार्किंग के हालात के चलते प्लास्टिक तेजी से आग पकड़ेगा और साथ ही प्लाई भी उसे सहयोग करेगी। इस परिस्थिति में सीधे-सीधे आग को आमंत्रण देना होगा। सूत्रों के मुताबिक विद्युत सुरक्षा विभाग के जिम्मेदार अगर बड़े पाण्डालों में निरीक्षण करेंगे तो छोटे स्थानों पर तो तत्काल ही ठेकेदार सुरक्षा के तहत कार्य करेंगे। संभावित दुर्घटनाओं को भी इसके चलते टाला जा सकेगा।

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