सांसद गुडडू ने सुरक्षा व्यवस्था वापस लिये जाने पर पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र
सुरक्षा व्यवस्था के षडयंत्र को लेकर आपत्ति दर्ज कराई
उज्जैन 3 जुलाई(इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश शासन ने सांसद प्रेमचन्द गुडडू के सुरक्षा गार्डो को वापस लिये जाने को लेकर पुलिस महानिरीक्षक भोपाल को पत्र प्रेषित कर उनकी सुरक्षा व्यवस्था के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को लेकर आपत्ति दर्ज की।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सांसद गुडडू ने बताया कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जानबुझकर षडयंत्रपूर्वक मेरी हत्या के उददेश्य से सुरक्षा व्यवस्था को अस्त-व्यस्त किया जा रहा है। वर्तमान में मेरी सुरक्षा में आरक्षक बैच नं. 296 देवेन्द्र सिंह 32वीं वाहिनी वि.स.बल उज्जैन द्वारा मेरी सुरक्षा में पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा मेरी सुरक्षा में विगत दो वर्षो से तैनात होकर अपने कर्तव्यों का परिश्रम व कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रहा है वो जानता है कि मुझे कब, कहा और कैसी सुरक्षा चाहिए जो उसकी डयूटी का मुख्य उददेश्य है। विगत माह उसे फेरबदल कर अन्यत्र भेजा जा रहा था। इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक भोपाल एवं पुलिस अधीक्षक उज्जैन को पत्र प्रेषित कर उसे यथावत रखने को अनुरोध किया था। परन्तु भाजपा समर्थित मध्यप्रदेश सरकार के दबाब में पुलिस महानिरीक्षक भोपाल और पुलिस अधीक्षक उज्जैन ने उचित कार्यवाही नही की। जबकि राज्य सरकार को मालूम है कि चुनावी वर्ष में सांसदों को सर्वाधिक सुरक्षा की आवश्यकता होती है। भाजपाई सरकार मेरी सुरक्षा व्यवस्था का अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए दुरूपयोग करते हुए ऐसे सुरक्षाकर्मियों को मेरे साथ रखना चाहते है जो भाजपा के लिए मेरी मुखबिरी करे और नौसिखिये हो ताकि मेरी भी छत्तीसगढ में कांग्रेस नेताओं की तरह हत्या हो जाए। इसलिए वर्तमान आरक्षक देवेन्द्रसिंह को मानसिक त्रस्त करते हुए उसका दो माह से वेतन रोक लिया गया है, जो कि अनुचित है।
सांसद गुडडू ने पुलिस महानिरीक्षक को बताया कि मुझे सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराना आपका कर्तव्य है। परन्तु म.प्र.शासन के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के दबाव में आप अपने कर्तव्यों का विधिसंवत निर्वहन नही कर रहे हो। आप जानते है कि छत्तीसढ की तरह म.प्र.में भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह सहित अनेक कांग्रेस नेताआंे जिनमें कई विधायक भी शरीक है, पर हमले हो चुके हैं जिसका मुख्य कारण सुरक्षा की चुक ही रहा है।
सांसद गुडडू ने सुशीलकुमार शिन्दे, केन्द्रीय गृह मंत्री, शिवराजसिंह चैहान, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन, उमाकांत गुप्ता, गृह मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल, पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर रैंज एसएएफ इन्दौर, पुलिस अधीक्षक, जिला उज्जैन, सेनानी 32वीं बटालियन उज्जैन को पत्र जारी कर कहा कि या तो मेरी सुरक्षा व्यवस्था यथावत रखी जाए अन्यथा मेरी संपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था वापस ले ली जाए और उसके उपरांत मुझ पर हमला होता है या मेरी हत्या होती है तो उसकी समस्त जवाबदारी म.प्र.की भाजपा सरकार और आपके विभाग की होगी।