संतों के आक्रोश में दो राजस्व निरीक्षक ‘झुलसे’
मंगलनाथ झोन भूखण्ड आवंटन शुरु से ही विवादित रहा
उज्जैन,16 मार्च (इ खबरटुडे)।सिंहस्थ-2016 के अंतर्गत व्यवस्थाओं में कमजोरी के मामले बराबर सामने आ रहे हैं। मंगलवार को मंगलनाथ झोन में संतों का आक्रोश फूट पड़ा।
इस आक्रोश में राजस्व विभाग के दो राजस्व निरीक्षक ‘झुलसे’ हैं। एक की सेवाएं मेला कार्यालय से समाप्त कर दी गई हैं। उन्हें वापस भू-अभिलेख में भेजा गया है। एक अन्य राजस्व निरीक्षक को साधु-संतों के साथ उचित व्यवहार नहीं करने पर निलंबित किया गया है।
निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी
हालत यह है कि कई ऐसे भूखण्ड आवंटित कर दिये हैं, जिस पर संतों का कैम्प करना मुश्किल है। इसी को लेकर संतों का आक्रोश फूटा। मंगलनाथ झोन में शुरुआत से भूखण्ड आवंटन में सेवाएं दे रहे राजस्व निरीक्षक आलोक चौरे की सेवाएं मेला कार्यालय से समाप्त करते हुए उन्हें भू-अभिलेख शाखा में कलेक्टर के आदेश पर प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख में भेजा है। इसी प्रकार राजस्व निरीक्षक गणेश मोरे को मंगलनाथ झोन में सिंहस्थ मेला-2016 में आने वाले साधु-संतों के साथ उचित व्यवहार नहीं किये जाने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। कलेक्टर के आदेश अनुसार निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय भू-अभिलेख कार्यालय रहेगा। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
समस्या और उलझेगी
मंगलनाथ झोन से जुड़े सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि मंगलनाथ झोन में भूखण्ड आवंटन के कार्य से शुरुआती दौर से राजस्व निरीक्षक आलोक चौरे जुड़े रहे। इसके चलते उन्हें एक-एक भूखण्ड की सम्पूर्ण जानकारी है। ऐसे में उनकी सेवाएं समाप्त करते हुए उन्हें मूल विभाग भू-अभिलेख में वापस भेजे जाने से समस्या और उलझ सकती है।
अफसर नहीं रख पाये संतों की समस्या का ध्यान
प्रभारी मंत्री ने झोनवार प्रतिनिधि बनाये
संतों की समस्या पर अफसर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाये और सत्कार में भी कमजोर रहे। यह स्थिति सामने आने के बाद प्रभारी मंत्री ने झोनवार संगठन के युवाओं पर जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत संगठन मंत्री ने अपने प्रतिनिधि के रुप में झोन में संतों से मिलकर उनकी समस्याओं को प्रशासन के माध्यम से हल करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रभारी मंत्री ने नगर जिला अध्यक्ष इकबालसिंह गांधी की अनुशंसा पर प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने त्रिवेणी झोन में सुरेश गिरी को प्रतिनिधि बनाया है, मंगलनाथ झोन में विवेक जोशी, कालभैरव झोन में विजय अग्रवाल, महाकाल झोन में ऋषिराज अरोरा, दत्त अखाड़ा में धनंजय शर्मा, चामुण्डा झोन में विनोद बरबोटा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इधर प्रतिनिधि बनाये जाने को लेकर उपसमितियों के प्रतिनिधियों में यह चर्चा आम रही कि सैकड़ों सदस्य बनाये जाने के बावजूद प्रतिनिधियों की आवश्यकता सिंहस्थ आयोजन में पड़ रही है।