November 15, 2024

शासकीय कार्य में अंग्रेजी का प्रयोग कदाचरण की श्रेणी में

अफसरों को हिन्दी में काम करना अनिवार्य किया गया
उज्जैन, 9 फरवरी(इ खबरटुडे)।सरकारी कार्यालयों, निगम मंडलों में अब तमाम काम हिन्दी में ही किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। शासकीय कार्य में अंग्रेजी का प्रयोग कदाचरण की श्रेणी में रखा गया है। इसे शासन के आदेशों की गंभीर अव्हेलना मानते हुए संबंधित अधिकारी के विरुद्ध स त अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने का प्रावधान कर दिया गया है।

 इस आशय के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के आदेश 27 दिन बाद उज्जैन पहुंचे हैं। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के प्रमुख सचिव एम.के. वार्णेय के हस्ताक्षर से 11 जनवरी को जारी आदेश उज्जैन जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय सामान्य शाखा-2 में 8 फरवरी को पंजीबद्ध किया गया है।
सभी सरकारी कामकाज अनिवार्य रुप से हिन्दी में किये जाने के स्पष्ट निर्देश
 आदेश में बताया गया कि सरकारी कार्यालयों, अद्र्धशासकीय निकायों, उपक्रमों तथा निगमों में तकनीकी, गैर तकनीकी सभी प्रकार का सरकारी कामकाज अनिवार्य रुप से हिन्दी में किये जाने के स्पष्ट और स त निर्देश हैं।इन्हें अनेक बार दोहराया भी जा चुका है। केन्द्र तथा अन्य राज्यों से भी पत्र व्यवहार संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार निर्दिष्ट भाषा में ही किये जाने चाहिये। इसमें कोई विकल्प नहीं है।
शासकीय कार्य, पत्र व्यवहार, अनिवार्यत: राजभाषा हिन्दी में ही किया जाये
राज्य शासन को ध्यान में आया है कि वैधानिक व्यवस्था तथा शासन के स्पष्ट और बार-बार निर्देशों के बावजूद अंग्रेजी का उपयोग करने के प्रलोभन से बचा नहीं जा रहा है। देखने में आया है कि कुछ विभाग निगम उपक्रम और अद्र्ध शासकीय संस्थान अभी भी तकनीकीविषयों का बहाना लेकर अपने दैनिक सरकारी कामकाज, पत्र व्यवहार, निमंत्रण पत्र, नाम पट्ट सूचनाएं, समाचार-पत्रों में निविदाएं, विज्ञप्तियां आदि का प्रकाशन तथा केन्द्र और अन्य राज्यों से संपर्क में अंग्रेजी का उपयोग करते हैं। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया है कि शासकीय कार्य, पत्र व्यवहार, अनिवार्यत: राजभाषा हिन्दी में ही किया जाये।
अन्य राज्यों से पत्र व्यवहार संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार ही किया जाये
 केन्द्र शासन को भेजे जाने वाले पत्रों के साथ उसका अंग्रेजी अनुवाद भी संलग्न कर दिया जाये। अन्य राज्यों से पत्र व्यवहार संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार ही किया जाये। अपने विभाग में हिन्दी में काम हो रहा है या नहीं यह देखने का
उत्तरदायित्व सचिव, विभागाध्यक्ष और निगमों के प्रमुख कार्यपालिक अधिकारियों का होगा।
कोई भी कार्यवाही अंग्रेजी में पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध  कार्रवाई
 राज्य शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी विभाग संचालनालय निगम उपक्रम या अद्र्ध शासकीय संस्थान में कोई भी कार्यवाही अंग्रेजी में पाई जाती है तो उसे शासन के आदेशों की गंभीर अव्हेलना तथा कदाचरण माना जावेगा और संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। आदेश का पालन तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करने का कहा गया है।

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