शादी के 20 वर्षां बाद सुनाई दी परमार दम्पति के घर में किलकारी
राज्य बीमारी सहायता निधि से उपचार राशि मिली संतान सुख प्राप्त हुआ
रतलाम,26 जुलाई (इ खबरटुडे)।रतलाम मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूरस्थ ग्राम तितरी के रहने वाले परमार दंपति अपनी शादी के 20 वर्षां बाद तक संतान के लिए तरस रहे थे। मातृत्व का सुख प्रकृति के अनमोल उपहारों में से एक है। लेकिन अलका परमार को यह सुख लम्बे समय बाद अब जाकर मिला, जब वो राज्य बीमारी सहायता निधि से मिली राशि से सही उपचार करवा सकी।
शादी के बाद लम्बे समय तक सन्तान प्राप्ति नहीं होने से नरसिंह परमार व उनकी पत्नी अलका कई चिकित्सकों के पास गये, उपचार करवाया और भी जतन किये लेकिन सन्तान सुख प्राप्त नहीं हुआ। नरसिंह अपनी पांच बीघा की छोटी-मोटी खेती कर अपना जीवन-यापन करते हैं। घर में पारीवारिक स्थिति अच्छी नहीं होने से सन्तान हेतु महंगा इलाज नहीं करवाने में असमर्थ थे।
ऐसे में गांव की आशा कार्यकर्ता निर्मला ने उन्हें जिला चिकित्सालय में हर बुधवार को लगने वाले रोशनी क्लिनीक के बारे में बताया। रोशनी क्लिनीक में जिला चिकित्सालय की डॉ. शालिनी पोखरना ने प्रारंभिक उपचार करके इंदौर रेफर करने की सलाह दी। आवेदिका अलका परमार का प्रकरण तैयार किया गया। राज्य बीमारी सहायता निधि से पहले पैकेज में 55 हजार रुपये तथा दूसरे पैकेज में 60 हजार रुपये की सहायता राशि शासन द्वारा स्वीकृत कर ग्रेटर कैलाश अस्पताल इंदौर को भेजी गई।
यहां डॉ. हीना अग्रवाल ने अलका का 6 माह तक उपचार किया। आईवीएफ पद्धति में नियमित उपचार लेने से अलका ने 10 जुलाई 2018 को जिला चिकित्सालय रतलाम में स्वस्थ शिशु (पुत्र) को सिजेरियन प्रसव द्वारा जन्म दिया है। अलका और उसके पति नरसिंह नए मेहमान के घर में आने पर बहुत खुश है, उनके घर में खुशियां आ गई है। परमार दम्पति मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को राज्य बीमारी सहायता निधि से लाभ दिलाने के लिए धन्यवाद देते हैं। उनका कहना है कि अगर राज्य बीमारी सहायता योजना नहीं होती तो वे उपचार का इतना बड़ा खर्च वहन करना उनके बस की बात नहीं थी। इस योजना से राशि की मदद मिली और हमें सन्तान सुख प्राप्त हुआ।