शरद पवार के बयान से सकते में शिवसेना, बीजेपी से गठबंधन की उठी मांग
महाराष्ट्र ,19 नवंबर (इ खबर टुडे)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के बयान ने शिवसेना खेमे की चिंता बढ़ा दी है। पवार ने सोमवार को मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने न तो शिवसेना और न ही सरकार बनाने के बारे में सोनिया गांधी से बात की।
पवार के इस बयान से शिवसेना के न केवल नेता, बल्कि कार्यकर्ता भी भ्रम की स्थिति में पहुंच गए हैं। बदली परिस्थिति में शिवसेना के नेता पर्दे के पीछे से कहने लगे हैं कि पार्टी के लिए यह अच्छा होगा कि वह पवार की बीजेपी के साथ दोबारा सरकार बनाए।
शिवसेना के एक विधायक ने कहा कि वह शरद पवार का बयान सुनकर ‘सकते’ में है। शिवसेना विधायक ने कहा, ‘हमारी पार्टी को इंतजार करना चाहिए और एनसीपी सुप्रीमो के साथ जाने से पहले 10 बार विचार करना चाहिए।’ उधर, शिवसेना के एक पदाधिकारी ने सवाल किया, ‘यह किस तरह की राजनीति है? शिवसेना जैसी पार्टी जो 80 फीसदी सामाजिक सेवा और 20 प्रतिशत राजनीति करती है, के लिए यह बेहतर होगा कि वह एनसीपी-कांग्रेस से दूर रहे औरबीजेपी के साथ हाथ मिला ले।’
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संजय राउत ने ट्वीट कर दिया सियासी संकेत
उधर, इस पूरे मुद्दे को लेकर रोज ट्वीट करने वाले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ‘अगर जिंदगी में कुछ पाना हो तो तरीके बदलो इरादे नहीं…जय महाराष्ट्र।’ उनका ट्वीट इस बात के संकेत दे रहा है कि शिवसेना सरकार बनाने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। इससे पहले राउत ने शरद पवार के बयान पर कहा था, ‘सरकार बनाने की जिम्मेदारी शिवसेना की नहीं थी। यह जिनकी जिम्मेदारी थी, वे भाग निकले हैं। लेकिन मुझे भरोसा है कि हम जल्दी ही सरकार बना लेंगे।’ अब तक सरकार बनाने का दावा करने वाले संजय राउत का अब जिम्मेदारी की बात कहना बताता है कि कहीं न कहीं कुछ पेच जरूर फंस गया है।
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बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने शिवसेना के साथ किसी मिनिमम कॉमन प्रोग्राम पर सहमति से ही इनकार कर दिया था। यही नहीं उन्होंने सरकार गठन को लेकर शिवसेना को किसी तरह का भरोसा दिए जाने के सवाल पर भी चुप्पी साध ली थी। बाद में शरद पवार ने ट्वीट कर कहा, ‘नई दिल्ली में आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधीजी से भेंट कर महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में चर्चा की। आनेवाले समय में महाराष्ट्र के राजनितिक गतीविधियों पर हमारी नजर रहेगी। महागठबंधन के मित्र पक्षों को विश्वास में लेकर हम निर्णय करेंगे।’
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‘कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन नहीं करे शिवसेना’
दक्षिण मुंबई से एक शिवसेना के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा कि पार्टी को कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन नहीं करना चाहिए और अगर बीजेपी के साथ उसके रिश्ते सहज नहीं है तो उसे अकेले चलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर बीजेपी नहीं तो शिवसेना को बिना अपने अजेंड का त्याग किए अकेले जाना चाहिए। पार्टी अगर अपने समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ नहीं जाना चाहती है तो उसे अकेले लड़ाई लड़नी चाहिए।’
इस बीच शिवसेना के सूत्रों ने कहा है कि पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने संजय राउत से कहा है कि पर्दे के पीछे चल रही राजनीति पर वह नजर रखें। राउत ने सोमवार देर शाम पवार से मुलाकात की थी। राउत ने मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने पवार के साथ राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा नहीं की। हमने किसानों के मुद्दे पर बात की।’ उन्होंने दोहराया कि शिवसेना के नेतृत्व में सरकार बनेगी और राज्य में राष्ट्रपति शासन के लिए बीजेपी जिम्मेदार है।