वैचारिक शक्ति महाकुम्भ के पूर्व विमर्श संगोष्ठी में श्रीमती माया सिंह
समाज और स्त्री के विकास के लिये जरूरी है कि उनकी निर्णय में भागीदारी हो
उज्जैन,26अप्रैल(इ खबरटुडे)।महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि समाज के विकास के लिये यह जरूरी है कि स्त्री शक्ति न केवल सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त हो, बल्कि हर स्तर पर वह निर्णय प्रक्रिया में भागीदार बने।
श्रीमती सिंह आज वैचारिक महाकुम्भ शक्ति कुम्भ के पूर्व विमर्श संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं। संगोष्ठी में महाविद्यालयों की छात्राएँ और महिला सरपंच भाग ले रही हैं। प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास जे.एन. कंसोटिया, आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती जयश्री कियावत तथा ग्रामोदय चित्रकूट विश्वविद्यालय के कुलपति उपस्थित थे।
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि वैचारिक महाकुम्भ, जो सिंहस्थ के मौके पर निनौरा में होने जा रहा है, में 5 विषय में से एक विषय शक्ति कुम्भ है। इसके जरिये न केवल प्रदेश की, देश की, बल्कि विश्व की महिलाओं को सशक्त बनाने के संबंध में घोषणा-पत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में जारी किया जायेगा।
अधिकार और विकास में भारतीय परम्परा और संस्कारों का समावेश हो
उन्होंने कहा कि इसके पूर्व यह जरूरी था कि इसमें हर वर्ग की महिलाओं, बालिकाओं और युवतियों के विचार शामिल हों। इसी दृष्टि से आज विमर्श के लिये यह संगोष्ठी रखी गयी। उन्होंने कहा कि यह हम लोगों के लिये एक महत्वपूर्ण अवसर है, जब हम यह तय करें कि हमारा आने वाला कल कैसा हो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये जो अभिनव प्रयास और महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं, वह पूरे देश और दुनिया में अनुकरणीय बने हैं। अब हमारा दायित्व है कि हम महिलाओं को सशक्त बनाने आगे आयें। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिये कि हमारे अधिकार और विकास में भारतीय परम्परा और संस्कारों का समावेश हो।
श्रीमती सिंह संगोष्ठी में आयीं युवतियों और महिला जन-प्रतिनिधियों से अपेक्षा की कि वे अपने विचारों और सुझावों से शक्ति कुम्भ में जारी होने वाले घोषणा-पत्र को सार्थक और दिशा देने वाला बनायें।